"भारतीय नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2074 आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व :
1. इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।
2. सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।
3. प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन यही है।
4. शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है।
5. सिख परंपरा के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी के जन्म दिवस का यही दिन है।
6. स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन को आर्य समाज की स्थापना दिवस के रूप में चुना।
7. सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।
8. विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।
9. युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।
10. न्याय शास्त्र के रचियता महर्षि गौत्तम का जन्मदिन दिन !
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व :
1. इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।
2. सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।
3. प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन यही है।
4. शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है।
5. सिख परंपरा के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी के जन्म दिवस का यही दिन है।
6. स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन को आर्य समाज की स्थापना दिवस के रूप में चुना।
7. सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।
8. विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।
9. युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।
10. न्याय शास्त्र के रचियता महर्षि गौत्तम का जन्मदिन दिन !
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