बुधवार, 8 मार्च 2017

दोस्ती

आप भले ही करोड़ों की जायदाद के मालिक हो पर जब तक
शाम को चार दोस्त आपका इंतजार न कर रहे हो आप गरीब हो।

एक दोस्त ने क्या खूब लिखा है कि

"मरने के बाद मुझे जल्दी ना जला देना
मेरे दोस्तों को देर से आने की आदत है" ....!

दोस्ती शब्द का अर्थ
बड़ा ही मस्त होता है _ ( दो+हस्ती )
जब दो हस्ती मिलती हैं
                  तब दोस्ती होती है
 समुंदर _ना हो तो _ कश्ती  _ किस काम कीं                                      
मजाक _ना हो , तो  _ मस्ती  _ किस काम की                            
दोस्तों  _ के लिए तो कुर्बान है , ये _ _ जिंदगी                          
अगर  _ दोस्त  _ ही ना हो , तो फिर ये _ जिंदगी  _ किस काम कीं
           चंद लाइने दोस्तों के नाम

"क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त"
                     "क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त"
"न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है !
       "फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त "

मै झुकता हूँ, क्योंकि

     मै झुकता हूँ, क्योंकि
     मुझे रिश्ते निभाने का
     शौक है...;
     वरना
     गलत तो हम कल भी
     नहीं थे और आज भी
     नहीं हैं...

     मैं अपने गम में रहता हूँ,
     नबाबों की तरह..!!
     परायी खुशियों के पास
     जाना मेरी आदत नहीं...!

     सबको हँसता ही देखना
     चाहता हूँ मैं,
     किसी को धोखे से भी
     रुलाना मेरी आदत नहीं..,

     बाँटना चाहता हूँ, तो बस
     प्यार और मोहब्बत...,
     यूँ नफरत फैलाना मेरी
     आदत नहीं...!!

     जिंदगी मिट जाए, किसी
     के खातिर गम नहीं,
     कोई बद्दुआ दे मरने की
     यूँ जीना मेरी आदत
     नहीं...!

     दोस्ती होती है, दिलों से
     चाहने पर,
     जबरदस्ती दोस्ती करना,
     मेरी आदत नहीं..!

     नाम छोटा है, मगर दिल
     बड़ा रखता हूँ...,
     पैसों से उतना अमीर
     नहीं हूँ...,
     मगर,
     अपने यारों के गम...
     खरीदने की हैसियत
     रखता हूँ।     

अंबेडकर के नाम मे है दलितों के विकास का सूत्र

भीमराव अंबेडकर के नाम मे है  दलितों के विकास का सूत्र
__/!\___

भी :- भीख नहीं मांगेगे ।
म:- मेहनत हमेशा करेंगे ।
रा:- राज करेंगे ।
व:- वक्त का सदुपयोग करेंगे ।

अं:- अंधविश्वासो से मुक्त रहेंगे ।
बे:- बेगारी नही करेंगे  ।
ड:- डर कर नहीं रहेंगे ।
क:- कला मे निपुण रहेंगे ।
र:- रहन सहन पर ध्यान देगे और आपस मे भाईचारा बनाये रखेंगे ।
जय भीम🙏जय भारत
अगर सटीक लगे तो सभी दलितों को शेयर करें  

आरक्षण :- क्या दस साल तक की परिसीमा निर्धारित है ?

-जिसको इस बात की जानकारी नहीं है वे अपने विरोधियों को इस के बारे में बताएं।

-जो बार बार कहतें हैं कि आरक्षण 10 साल के लिए था।

-बाबा साहेब तो 10 साल के आरक्षण के लिए दे कर गए थे।

-आप को मुफ्त की खाने की आदत है।

-ऐसे आरोप लगातें हैं तो उन लोगो को बता दो की ये हमारे महापुरुषों की मेहनत का परिणाम है।

जब तक जाति है तब तक आरक्षण है

आरक्षण से जाति नही आयी अपितु जाति से आरक्षण आया है

-जिस दिन मनुवादी ब्राह्मण देश से जाति खत्म कर देंगे हम आरक्षण उसी दिन से छोड़ देंगे।

-परंतु मनुवादी ब्राह्मण ऐसा नही करेगा क्योंकि वर्ण और जाति के कारण ही वह शासक बना हुआ है।

-अगर यह खत्म तो मनुवादी ब्राह्मणवाद ख़त्म हो जायेगा,
सत्ताविहीन हो जायेगा, इसलिए मनुवादी ब्राह्मण को मुँह तोड़ जबाब दो।

आरक्षण चार प्रकार का है

1 :- राजनैतिक आरक्षण
2 :- नौकरियों का आरक्षण
3 :- व्यवसायिक शिक्षा का आरक्षण
4 :-  पदोन्नती में आरक्षण

अनुच्छेद- 330 लोकसभा का आरक्षण है

अनुच्छेद- 332 विधानसभा में आरक्षण है

अनुच्छेद- 334 में राजनैतिक रिजर्वेशन की 10 बर्ष की परिसीमा है।

केवल - राजनैतिक आरक्षण में ही हर दस साल बाद समीक्षा होनी चाहिए।

---मूलभूत अधिकार---
अनुच्छेद- 15-(4)
अनुच्छेद- 16-(4)
---संवैधानिक मूल अधिकार है---
अनुच्छेद - 15
अनुच्छेद - 16
से भारत का राष्ट्रपति ओर भारत का प्रधानमंत्री भी  छेड़छाड़ नही कर सकता।

--व्यसायिक शिक्षा मे आरक्षण
--नौकरियों का आरक्षण
--पदोन्नती में आरक्षण

यह संविधान में मूल अधिकार है जिनकी कोई परिसीमा नही है

 संविधान में 'आरक्षण' यह शब्द कहीं भी नहीं लिखा सिर्फऔर सिर्फ "प्रतिनिधित्व" (Representation)  शब्द का प्रयोग किया गया है।

माफ

दर्जनों ऐसे कवि देखने हैं जो कहते हैं बस कहते हैं होता है
 सुकून जिंदगी में अक्सर पर नफरतों के बयान देते है 
यह कोई और नहीं हमारे देश के नेता हैं जो बस कहते हैं कहते हैं कहते हैं
 होना है जो होकर रहता है
 बयानों से देश का क्या भला होता है 
हम तो वह भेड़ की तरह है जिसका कंबल हमको भी उड़ना है
 क्योंकि देश को ऐसे चलना है
बिजली का बिल 
 किसानों का पैसा माफ
 कर माफ
 एक दिन ऐसा समय आएंगे
 तुम्हारी जिंदगी मैं तूफान लाएगा माफ माफ करने वालों माफ ही तुम्हें रुलाएगा सत्ता मिलने के बाद 
 बोल नेता ही तुम पर कर लगाएगा 

एक तनख्वाह से कितनी बार  कर दूं और क्यों...जबाब है???
मैनें तीस दिन काम किया, 
तनख्वाह ली - कर दिया
मोबाइल खरीदा - कर दिया--'
रिचार्ज किया - कर दिया
डेटा लिया - कर दिया
बिजली ली - कर दिया
घर लिया -  कर दिया
TV फ्रीज़ आदि लिये -  कर दिया
कार ली -  कर दिया
पेट्रोल लिया - कर दिया
सर्विस करवाई -  कर दिया
रोड पर चला - कर दिया
टोल पर फिर -  कर दिया
लाइसेंस बनाया -  कर दिया
गलती की तो - कर दिया
रेस्तरां मे खाया -  कर दिया
पार्किंग का - कर दिया
पानी लिया - कर दिया
राशन खरीदा - कर दिया
कपड़े खरीदे -  कर दिया
जूते खरीदे - कर दिया
कितबें ली - कर दिया
टॉयलेट गया - कर दिया
दवाई ली तो -  कर दिया
गैस ली - कर दिया
सैकड़ों और चीजें ली ओर -  कर दिया, कहीं फ़ीस दी, कहीं बिल, कहीं ब्याज दिया, कहीं जुर्माने के नाम पर तो कहीं रिश्वत के नाम पर पैसा देने पड़े, ये सब ड्रामे के बाद गलती से सेविंग मे बचा तो फिर  कर दिया----
सारी उम्र काम करने के बाद कोई सोशल सेक्युरिटी नहीं, कोई पेंशन नही, कोई मेडिकल सुविधा नहीं, बच्चों के लिये अच्छे स्कूल नहीं, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट नहीं, सड़कें खराब, स्ट्रीट लाईट खराब, हवा खराब, पानी खराब, फल सब्जी जहरीली, हॉस्पिटल महंगे, हर साल महंगाई की मार, आकस्मिक खर्चे व् आपदाएं , उसके बाद हर जगह लाइनें।।।।
सारा पैसा गया कहाँ????
करप्शन में , 
इलेक्शन में ,
अमीरों की सब्सिड़ी में ,
माल्या जैसो के भागने में
अमीरों के फर्जी दिवालिया होने में ,
स्विस बैंकों में ,
नेताओं के बंगले और कारों मे,    
अब किस को बोलूं कौन चोर है???
आखिर कब तक हमारे देशवासी यूंही घिसटती जिन्दगी जीते रहेंगे?????