मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

एकता

आज एक नई सीख़ मिली
 जब अँगूर खरीदने बाजार गया ।
पूछा "क्या भाव है?
बोला : "80 रूपये किलो ।"
पास ही कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पडे थे ।
मैंने पूछा: "क्या भाव है" इनका ?"
वो बोला : "30 रूपये किलो"
मैंने पूछा : "इतना कम दाम क्यों..? 
वो बोला : "साहब, हैं तो ये भी बहुत बढीया..!! 
लेकिन ... *अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।
मैं समझ गया कि अपने परिवारसे अलग होने पर हमारी कीमत......आधे से भी कम रह जाती है।
कृपया अपने परिवार एवम् मित्रोसे हमेशा जुड़े रहे 

माँ तो माँ होती हे

दुध पिलाया जिसने छाती से निचोड़कर
मैं "निकम्मा, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका ।

बुढापे का "सहारा,, हूँ "अहसास" दिला न सका
पेट पर सुलाने वाली को "मखमल, पर सुला न सका ।

वो "भूखी, सो गई "बहू, के "डर, से एकबार मांगकर
मैं "सुकुन,, के "दो, निवाले उसे खिला न सका ।

नजरें उन "बुढी, "आंखों से कभी मिला न सका ।
वो "दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका ।

जो हर "जीवनभर" "ममता, के रंग पहनाती रही मुझे
उसे "दिवाली  पर दो "जोड़ी, कपडे सिला न सका ।

"बिमार बिस्तर से उसे "शिफा, दिला न सका ।
"खर्च के डर से उसे बड़े अस्पताल, ले जा न सका ।

"माँ" के बेटा कहकर "दम,तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ,
"दवाई, इतनी भी "महंगी,, न थी के मैं ला ना सका ।

माँ तो माँ होती हे भाईयों माँ अगर कभी गुस्से मे गाली भी दे तो उसे उसका "दुध" समझकर भूला देना चाहिए|


शव से पूछा ( कविता )

एक कवि नदी के किनारे खड़ा था ! 
तभी वहाँ से एक लड़की का शव 
नदी में तैरता हुआ जा रहा था।
तो तभी कवि ने उस शव से पूछा ----

कौन हो तुम ओ सुकुमारी,
बह रही नदियां के जल में ?

कोई तो होगा तेरा अपना,
मानव निर्मित इस भू-तल मे !

किस घर की तुम बेटी हो,
किस क्यारी की कली हो तुम ?

किसने तुमको छला है बोलो,
क्यों दुनिया छोड़ चली हो तुम ?

किसके नाम की मेंहदी बोलो,
हांथो पर रची है तेरे ?

बोलो किसके नाम की बिंदिया,
मांथे पर लगी है तेरे ?

लगती हो तुम राजकुमारी,
या देव लोक से आई हो ?

उपमा रहित ये रूप तुम्हारा,
ये रूप कहाँ से लायी हो?
..........

दूसरा दृश्य----
कवि की बाते सुनकर
लड़की की आत्मा बोलती है...

कवी राज मुझ को क्षमा करो,
गरीब पिता की बेटी हुँ !

इसलिये मृत मीन की भांती,
जल धारा पर लेटी हुँ !

रूप रंग और सुन्दरता ही,
मेरी पहचान बताते है !

कंगन, चूड़ी, बिंदी, मेंहदी,
सुहागन मुझे बनाते है !

पित के सुख को सुख समझा,
पित के दुख में दुखी थी मैं !

जीवन के इस तन्हा पथ पर,
पति के संग चली थी मैं !

पति को मेने दीपक समझा,
उसकी लौ में जली थी मैं !

माता-पिता का साथ छोड 
उसके रंग में ढली थी मैं !

पर वो निकला सौदागर,
लगा दिया मेरा भी मोल !

दौलत और दहेज़ की खातिर
पिला दिया जल में विष घोल !

दुनिया रुपी इस उपवन में,
छोटी सी एक कली थी मैं !

जिस को माली समझा,
उसी के द्वारा छली थी मैं !

इश्वर से अब न्याय मांगने,
शव शैय्या पर पड़ी हूँ मैं ! 

दहेज़ की लोभी इस संसार मैं,
दहेज़ की भेंट चढ़ी हूँ में !

दहेज़ की भेंट चढ़ी हूँ मैं !!

"परिवार" से बड़ा

          "परिवार" से बड़ा कोई
            "धन" नहीं!
            "पिता" से बड़ा कोई 
            "सलाहकार" नहीं!
            "माँ" की छाव से बड़ी
             कोई "दुनिया" नहीं!
            "भाई" से अच्छा कोई  
            "भागीदार" नहीं!
            "बहन" से बड़ा कोई
            "शुभचिंतक" नहीं!
            "पत्नी" से बड़ा कोई
            "दोस्त" नहीं
                    इसलिए
            "परिवार" के बिना
            "जीवन" नहीं!!!

"ज़िन्दगी" बदलने के लिए

       "ज़िन्दगी" बदलने के लिए
              लड़ना पड़ता है..!_ 
         और आसान करने के लिए
              समझना पड़ता है..!
           वक़्त आपका है,चाहो तो
         सोना बना लो और चाहो तो.    
                सोने में गुज़ार दो..!
        अगर कुछ अलग करना है तो 
              भीड़ से हटकर चलो..!
           भीड़ साहस तो देती है पर
             पहचान छीन लेती है...!
       मंज़िल ना मिले तब तक हिम्मत
          मत हारो और ना ही ठहरो....  
           क्योंकि
    पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने
     आज तक रास्ते में किसी से नहीं पूछा कि... _
           "समन्दर कितना दूर है.

औरत का सफर

                   
     
बाबुल का घर छोड़ कर पिया के घर आती है..
एक लड़की जब शादी कर औरत बन जाती है..
अपनों से नाता तोड़कर किसी गैर को अपनाती है..
अपनी ख्वाहिशों को जलाकर किसी और के सपने सजाती है..
सुबह सवेरे जागकर सबके लिए चाय बनाती है..
नहा धोकर फिर सबके लिए नाश्ता बनाती है..
पति को विदा कर बच्चों का टिफिन सजाती है..
झाडू पोछा निपटा कर कपड़ों पर जुट जाती है..
पता ही नही चलता कब सुबह से दोपहर हो जाती है..
फिर से सबका खाना बनाने किचन में जुट जाती है.. 
सास ससुर को खाना परोस स्कूल से बच्चों को लाती है..
बच्चों संग हंसते हंसते खाना खाती और खिलाती है..
फिर बच्चों को टयूशन छोड़,थैला थाम बाजार जाती है..
घर के अनगिनत काम कुछ देर में निपटाकर आती है..
पता ही नही चलता कब दोपहर से शाम हो जाती है..
सास ससुर की चाय बनाकर फिर से चौके में जुट जाती है..
खाना पीना निपटाकर फिर बर्तनों पर जुट जाती है..
सबको सुलाकर सुबह उठने को फिर से वो सो जाती है..
हैरान हूं दोस्तों ये देखकर सौलह घंटे ड्यूटी बजाती है..
फिर भी एक पैसे की पगार नही पाती है..
ना जाने क्यूं दुनिया उस औरत का मजाक उडाती है..
ना जाने क्यूं दुनिया उस औरत पर चुटकुले बनाती है..
जो पत्नी मां बहन बेटी ना जाने कितने रिश्ते निभाती है..
सबके आंसू पोंछती है लेकिन खुद के आंसू छुपाती है..
नमन है मेरा घर की उस लक्ष्मी को जो घर को स्वर्ग बनाती है.
ड़ोली में बैठकर आती है और अर्थी पर लेटकर जाती है. ......

ना हिन्दू बनो, ना मुसलमान बनो

------ ना मुसलमान खतरे में है ----
------ ना हिन्दू खतरे में है ------
------ धर्म और मजहब से बँटता ------
------ इंसान खतरे में है ------


------ ना राम खतरे में है ------

------ ना रहमान खतरे में है ------
------ सियासत की भेंट चढ़ता ------
------ भाईचारा खतरे में है ------


------ ना कुरान खतरे में है ------

------ ना गीता खतरे में है ------
------ नफरत की दलीलों से ------
------ इन किताबों का ज्ञान खतरे में है ------


------ ना मस्जिद खतरे में है ------

------ ना मंदिर खतरे में है ------
------ सत्ता के लालची हाथों ------
------ इन दीवारों की बुनियाद खतरे में है ------


------ ना ईद खतरे में है ------

------ ना दिवाली खतरे में है ------
------ गैर मुल्कों की नज़र लगी है ------
------ हमारा सद्भाव खतरे में है ------


------ धर्म और मजहब का चश्मा ------

------ उतार कर देखो दोस्तों ------
------ अब तो हमारा ------
------ हिन्दुस्तान खतरे में है ------


------ एक बनो, नेक बनो ------

------ ना हिन्दू बनो, ना मुसलमान बनो ------
------ मेरे दोस्त पहले ढंग से ------
------ एक  सच्चा  इंसान तो बनो ------

मेरी प्यारी बीवी

पत्नी और घड़ी के बीच का संबंध :.
- समानताएं :

1. घड़ी चौबीस घंटे टिक-टिक करती रहती है !! और पत्नी चौबीस घंटे किट-किट करती रहती है !! 

2. घड़ी की सूइयाँ घूम-फिर कर वहीं आ जाती हैं !! उसी प्रकार पत्नी को आप कितना भी समझा लो, वो घूम-
फिर कर वहीं आ जायेगी और अपनी ही बात मनवायेगी !! 

3. घड़ी बिगड़ जाये तो मैकेनिक के यहाँ जाती है !! पत्नी बिगड़ जाये तो मैके जाती है !! 

4. घड़ी को चार्ज करने के लिये सेल (बैटरी) का प्रयोग होता है !! और पत्नी को चार्ज करने के लिये सैलेरी का प्रयोग होता है !! 
- विषमतायें :

1. घड़ी में जब १२ बजते हैं तो तीनों सूइयाँ एक दिखाई देती हैं !! लेकिन पत्नी के जब १२ बजत
े हैं तो एक पत्नी भी ३-३ दिखाई देती है !! 

2. घड़ी के अलार्म बजने का फिक्स टाइम है !! लेकिन पत्नी के अलार्म बजने का कोई फिक्स टाइम नहीं है !! 

3.घड़ी बिगड़ जाये तो रूक जाती है !! लेकिन जब पत्नी बिगड़ जाये तो शुरू हो जाती है !! 

4. सबसे बड़ा अंतर ये कि घड़ी को जब आपका दिल चाहे बदल सकते हैं !! मगर पत्नी को चाह कर भी बदल नहीं सकते



"कह दो समुंदर से मुझे, जरुरत नही उन लहरों की... 
बस एक बीवी ही काफी है, ज़िन्दगी में तूफ़ान लाने के लिए... 😄

" मेरी प्यारी बीवी "..!!!

" सवाल "  कुछ भी हो,
          " जवाब  " तुम  ही हो.
  "  रास्ता " कोई भी हो,
              " मंज़िल " तुम ही हो.
  "  दु:ख " कितना भी हो,
              " खुशी " तुम  ही  हो.
    " अरमान " कितना भी हो,
                " आरज़ू " तुम  ही  हो.
   " गुस्सा " जितना  भी हो,
                        प्यार तुम ही हो .
    " ख्वाब " कोई भी हो,
                 " तकदीर "  तुम ही  हो.
   यानि  ऐसा समझो  कि ,
                 " फसाद "  कुछ भी हो,
       सारे " फसाद " की " जड़ " ,
सिर्फ " तुम " ही  हो

रहे हर पल मंगल



एक बुजुर्ग आदमी के सिर पर 8 बाल थे 

वो नाई की दुकान गया 

नाई ने गुस्से से पूछा 
                          गिनू की काटू? 

बूढ़े ने हँस कर कहा -
                             रंग दो!! 

जीवन आनंद के लिए है चाहे जो हो बस मुस्कुराते रहो !! 

यदि आप चिंतित हो 

तो खुद को थोड़ा आराम दो, 

कुछ 

आइसक्रीम 
चाकलेट 
केक  लो 

क्यों ?? 

क्योंकि 

STRESSED (चिंता)  का उल्टा होता है 
DESSERTS!!!  (मीठा)

अंग्रेजी वर्ण हमें सिखाते हैं... 

A B C

Avoid Boring Company 
मायूस संगत से दूरी 

D E F

Don't Entertain Fools 
मूर्खों पर समय व्यर्थ मत करो 

G H I

Go For High Ideas 
उँचे विचार रखो 

J K L M

Just Keep a friend like Me..
मेरे जैसा मित्र रखो 

N O P

Never Overlook the Poor n Suffering 
गरीब व पीडित को कभी अनदेखा मत करो 

Q R S

Quit Reacting to Silly tales.. 
मूर्खों को प्रतिक्रिया मत दो 

T U V 

Tune Urself for ur Victory 
खुद की जीत सुनिश्चित करो 

W X Y Z 

We Xpect You to Zoom ahead in life 
हम आपसे जीवन मे आगे देखने की आशा करते हैं 

यदि आपने चाँद को देखा तो आपने ईश्वर की सुन्दरता देखी... 
यदि आपने सूर्य को देखा तो आपने ईश्वर का बल देखा 

और 

यदि आपने आइना देखा तो आपने ईश्वर की सबसे सुंदर रचना देखी। 

इसलिए स्वयं पर विश्वास रखो 

जीवन में हमारा उद्देश्य होना चाहिए 
9 8 7 6 5 4 3 2 1 0 

9 - गिलास पानी 
8- घंटे नींद 
7- यात्रायें परिवार के साथ 
6- अंकों की आय 
5- दिन हफ्ते में काम 
4- चका वाहन 
3- बेडरूम वाला फ्लेट 
2- अच्छे बच्चे 
1- दिलबर 
0- चिंता..!!!

– :: हँसना मना है :: –सब्ज़ी

एक   बार   एक   आलू   ने
भिंड़ी  को   फोन   करके  कहा
    I   Love   U..! 

भिंड़ी   को   आया 
बहुत  गुस्सा , 
उसने   आलू   को   बहुत
खरी   खोटी   सुनायी..!!!

बोली 
तुम  इतने  मोटे  और  सस्ते ,
मैं  इतनी  स्लिम  और  सेक्सी!

आलू   का   तो   बस   
दिल   ही   टूट   गया..!!!!    तब   से ,
फिर  आलू  ने  इतनी 
सब्ज़ियाँ   पटाई   की ,

आप   खुद   देख   सकते   हो!


  आलू  ~ गोबी  
  आलू  ~ बेंगन  
  आलू ~ शिमला मिर्ची
  आलू ~ पालक
  आलू  ~ मटर
  आलू ~ गाजर
  आलू ~ छोले
  आलू ~ मेथी,
  आलू ~ टमाटर 

           .....और.....

भिंड़ी   उस   दिन   से 
आज   तक   भी  अकेली  है..!

Moral  ~ जो  ज्यादा Attitude   दिखाता   है ,
     वह   हमेशा   अकेला   ही 
     रह   जाता   हैं...

  – :: हँसना मना है :: –

एक दिन – निम्बु, केला और नारियल तीनों साथ में बैठे अपनी-अपनी कहानी सुना रहे थे!!!!!!…..


1). निम्बु – लोग बड़ी बेरहमी से मुझे बीच में से काटते हैं और पूरी तरह से निचोड़ लेते हैं!!!!!…..


2). केला- ये तो कुछ भी नहीं,
बेशर्म मुझे तो नंगा कर के खा जाते हैं!!!!!!……



3). नारियल – अपनी आपबीती सुनाते हुए, ये तो कुछ भी नहीं भाईयो,
साले कमीने मुझे इतना जोर से पत्थर पर मारते हैं कि, 
मेरी सुसु निकल जाती है और 

उसे भी गिलास में ले के पी जाते हैं!!!!!!,,,,……?????~~