शनिवार, 13 मई 2017

जरा सोचिये

जरा सोचिये कि शाम के 7:25 बजे है और आप घर जा रहे है वो भी एकदम अकेले । ऐसे में अचानक से आपके सीने में तेज दर्द होता है जो आपके हाथों से होता हुआ आपके जबड़ो तक पहुँच जाता है । आप अपने घर से सबसे नजदीक अस्पताल से 5 मील दूर हैं और दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं समझ मे आ रहा कि आप वहां तक पहुँच पाएंगे कि नहीं । आप सी पी आर (CPR : Cardio Pulmonary Resuscitation) में प्रशिक्षित हैं मगर वहां भी आपको ये नहीं सिखाया गया कि इसको खुद पर प्रयोग कैसे करें । ऐसे में दिल के दौरे से बचने के लिए ये उपाय आजमाए :- चूँकि ज्यादातर लोग दिल के दौरे के वक्त अकेले होते हैं l बिना किसी की मदद के उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है । वे बेहोश होने लगते हैं और उनके पास very hardly सिर्फ 10 सेकण्ड्स होते है । ऐसे हालत में पीड़ित जोर जोर से खांस कर खुद को सामान्य रख सकता है । एक जोर की खांसी लेनी चाहिए हर खांसी से पहले और खांसी इतनी तेज हो कि छाती से थूक निकले । जब तक मदद न आये ये प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई जाए ताकि धड्कन सामान्य हो जाए । जोर की साँसे फेफड़ो में ऑक्सीजन पैदा करती हैं और जोर की खांसी की वजह से दिल सिकुड़ता है जिससे रक्त संचालन नियमित रूप से चलता है । जहाँ तक हो सके इस सन्देश को हर एक तक पहुंचाए ।

धन्यवाद

जिस दिन हमने छोड़ दिया

* जिस दिन हमने हिंदुओ की #रैलियों में जाना छोड़ दिया इनकी #राजनीतिक मौत हो जाएगी । * जिस दिन हमने इनके #मंदिरो जाना छोड़ दिया इनकी #धार्मिक मौत हो जायेगी । * जिस दिन हमने इनके #त्योहार मनाना छोड़ दिया इनकी #आर्थिक मोत हो जायेगी । * जिस दिन हमने इनके साथ व्यवहार छोड़कर मुसलमानो और सिखों से कर लिया तो इनकी #व्यवसासिक मौत हो जायेगी । * जिस दिन हमने इनको शर्मा जी, गुप्ता जी और पंडित जी कहना छोड़ दिया इनकी #सम्मानिक मौत हो जायेगी । *जिस दिन हमने इनसे #लेनदेन छोड़ दिया तो इनकी #व्यवहारिक मौत हो जायेगी । * जिस दिन हमने इनको #नीच जाति मानना शुरू कर दिया तो इनकी #सामाजिक मौत हो जायेगी ।

विज्ञान और मनोविज्ञान की नज़र से

विज्ञान और मनोविज्ञान की नज़र से क्या. आप अंधविश्वासी है? नही ना, कोई व्यक्ति अपने आप को अंधविश्वासी स्वीकार नही करना चाहता। सिर्फ झाड फूक करवाना, टोनही प्रथा ही अंधविश्वानस नही कहलाता है। हर वह विश्वास जो आंख बंद करके किया जाय। जिसका कोई वैज्ञानिक आधार न हो वह अंधविश्वास कहलाता है। गौर करे रोजमर्रा के इन खास अंधविश्वासों पर और अवगत कराये अपने सभी करीबी दोस्तो‍ और रिश्तेदारों को। 1. किसी को बांये हाथ से पैसे देना अशुभ 2. किसी व्रत-त्यौहार के खिलाफ बोलना आशुभ 3. किसी के घर में बीमार पड़ जाने पे,लाल मिर्च को आग पे जला के घर में धुवां करना 4. घर दुकान दरवाजे पे/नयी कार आदि पे निम्बू हरी मिर्च टांगना 5. भभूत खाना/खिलाना 6. बच्चों/सयानो के गले/बाजू में ताबीज पहनना 7. बिल्लीा रास्ता काटने पर अशुभ 8. चप्पल उल्टी होने पर अशुभ 9. बाहर जाते समय टोकना अशुभ 10. किसी त्योहार के दिन काले कपडे पहनना अशुभ 11. घर के निर्माण के समय उसकी नीव में ताम्बे/स्वर्ण मुद्रा डालना 12. किसी कार्य के प्रारम्भ में छींकना अशुभ 13. गुरूवार शनिवार और मंगलवार को दाड़ी/बाल कटवाना अशुभ 14. शनिवार को तेल या तेल में सिक्के का दान करना शुभ 15. बच्चों को नजर लगना 16. चोरी करके घर में बोतल में मनी प्लांट उगना अशुभ 17. पीछे से किसी को नमस्ते आदि करना अशुभ 18. पड़ोस में खाने की वस्तु किसी बर्तन में देने पर खाली बर्तन वापस करना अशुभ 19. विधवा स्त्री का किसी शुभ कार्य में शामिल होना अशुभ 20. कौवें का छत पर बैठ कर बोलना अशुभ 21. रात में कुत्ते का रोना/ अलग प्रकार से भोंकना अशुभ 22. लड़की से वंश न चलना। 23. बच्चों को परीक्षा के लिए दही शक्कर खिलाकर भेजना शुभ 24. गले या बाजु में काला धागा बाँधना। 25. बच्चे को काला टीका लगाना। 26. नदी में सिक्के फेंकना। 27. किसी दिन विशेष किसी खास दिशा की यात्रा न करना। 28. अख़बारों में राशिफल देखना उसके अनुसार कार्यक्रम बनाना। 29. रात में किसी को पैसे उधार देने या लौटाने से परहेज करना। 30. शनिवार को लोहा न खरीदना। 31. विशेष संख्या जैसे 13 को अशुभ मानना। 32. उल्लू पक्षी का दिखना अशुभ 33. छिपकली का ऊपर गिर जाना अशुभ 34. स्वप्न फल को भविष्‍वाणी की तरह विश्वास करना 35. किसी ओबीसी जैसे तेली जाति के व्यक्ति का सुबह सुबह मुह न देखना अशुभ मानना 36. एससी जाति के व्यक्ति को ग्रहण में बासी खाना दान करना 37. कुछ कहते समय बिजली बंद हो जाय तो झूठ बोल रहा है 38. कुछ कहते समय बिजली आ जाय तो सच बोल रहा है 39. धनतेरस के दिन यह सोच कर खरीददारी करना की आज धनतेरस है। 40. भविष्य वाणी पर भरोसा करना कुण्डनली ज्यो तिष आदि 41. वास्तु को मानना एवं उसके अनुसार टोटके या तोड फोड करना 42. दान कर्म से मेरा भला होगा यह सोच कर दान देना 43. मृत पूर्वज को पानी पिलाना खाना खिलाना या श्राद्ध कर्म करना 44. विवाह के लिए शुभमुहूर्त निकलवाना 45. जिसके साथ बुरा हुआ है इसका मतलब उसने पूर्व जनम में इस जन्म् में बुरा किया होगा ये मानना 46. किन्नरों की दुआ बद्दुआ पर विश्वास करना 47.जानवर का मूत्र तक पीना और इंसानो को अछूत समझना. 48.पत्थर के आगे नाक रगड़ना और इंसानो से नफरत करना . यह अंध विश्वास आपके दिमाग मे बहोत बड़ा संघर्ष खड़ा करता है, आप कंफ्यूज ही रहते हो, इसके बारेमे सोचनेमे बात या सवाल करनेमे भी डरते हो, यह कंफ्यूसन तुम्हारे सारे व्यक्तित्व को मैला कर देती है तुम सफल नही हो पाते यातो संतुष्ट नही हो पाते। जीवन मे कीसीभी आनंद का अनुभव नही कर पाते। आगे क्या करना क्या नही आप पे छोड़ता हु, मेरी बात कोभी बिना परखे जांचे, तर्क विज्ञान से टटोले अगर मान लिया तो वह भी अंधश्रद्धा ही होगी। बिना डरे सोचे विचार करे

राष्ट्रीय युवा मोर्चा


एक बार पूना में ज्योतिराव फुले के एक अनुयायी ने अपने परिवार की शादी ब्राह्मण पुरोहित से न कराकर सत्य शोधक समाज की परम्परानुसार किसी अब्राह्मण द्वारा शादी करा दी, इस पर ब्राह्मणों ने नाराज होकर मुकदमा जिला अदालत में कर दिया। जिला अदालत का जज ब्राह्मण ही था, अदालत का फैसला आया कि हिंदू धर्म के अनुसार शादी वही मान्य है जो शादी ब्राह्मण द्वारा करायी जाय तथा ब्राह्मण को विधिवत दक्षिणा दी जाय। सत्य शोधक समाज के कार्यकर्ता ने बाम्बे हाईकोर्ट में अपील कर दी। हाईकोर्ट में महादेव गोविन्द रानाडे जज थे उन्होने मुकदमे की सुनवाई करते हुए फैसला दिया कि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी ब्राह्मण पुरोहित द्वारा ही करायी जाय, यदि शादी ब्राह्मण पुरोहित से न करायी जाय तो दक्षिणा ब्राह्मण पुरोहित को भिजवा दी जाय।
उस समय बम्बई विधानसभा में एक पंराजपे नामक ब्राह्मण विधायक ने विधान सभा में प्रस्ताव रखा कि हाईकोर्ट का निर्णय आ चुका है हिंदूधर्म के अनुसार वही शादी मान्य है जो ब्राह्मण पुरोहित द्वारा करायी जाय, यदि ब्राह्मण पुरोहित द्वारा शादी न करायी जाय तो दक्षिणा अवश्य ही ब्राह्मण पुरोहित को भेज दी जाय। उस विधानसभा में सी.के.बोले नामक विधायक ज्योतिराव फुले के अनुयायी थे। इस प्रस्ताव पर कई दिन बहस चलीं। सी.के.बोले (सीताराम केशव बोले) ने प्रस्ताव पर बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष से कहा "मान्यवर मै सम्मानीय विधायक पंडित पंराजपे महोदय से प्रश्न पूंछना चाहता हूँ कि पंराजपे महोदय अपनी दाढ़ी किससे बनवाते हैं ? प्रश्न को सुनकर पंराजपे बिगड गये। पंराजपे ने अध्यक्ष महोदय से कहा कि मान्यवर, इस प्रश्न का मूल प्रस्ताव से कोई सम्वन्ध नहीं है इसलिए मैं कोई जवाब नही देना चाहता। सी.के.बोले ने अध्यक्ष महोदय से कहा "महोदय इस प्रश्न का बहुत ही गहरा संबंध मूल प्रस्ताव से है। माननीय विधायक को प्रश्न का जवाब देने में समस्या क्या आ रही है ? अध्यक्ष महोदय ने पंराजपे से कहा "चलो मैं मानता हूँ इस प्रश्न का संबंध मूल प्रस्ताव से नही है फिर भी आपको जबाव देने में दिक्कत क्या है ? पंराजपे महोदय ने जबाव मे कहा कि मैं अपनी दाढ़ी स्वयं बनाता हूँ। सी.के. महोदय ने कहा "मान्यवर अध्यक्ष महोदय, हिंदू धर्म के अनुसार दाढ़ी बनाने का काम नाई जाति के लोगों का है पंराजपे महोदय अपनी दाढी खुद बना लेतें हैं किन्तु क्या दाढी बनाने का पैसा नाई के पास भेजते हैं ? सी.के.बोले का प्रश्न सुनते ही पंराजपे महोदय ने जवाब दिया कि जब नाई काम ही नही करता है तो पैसा किस बात का ? No Work No Pay. जब काम नहीं तो वेतन भी नही। सी.के.बोले ने कहा जो बात नाई पर लागू होती है वही बात ब्राह्मण पुरोहित पर लागू होती है। जब कोई ब्राह्मण से शादी करायेगा ही नही तो दक्षिणा किस बात की ब्राह्मण के घर भिजवायी जाय। "No Work No Pay." का सिद्धांत यहाँ पर भी लागू होता है। पंडित परांजपे महोदय को निरुत्तर होना पड़ा।
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राष्ट्रीय युवा मोर्चा