शनिवार, 3 दिसंबर 2016

पब्लिक डीलिंग कl अच्छl मित्र कहानी



मेरा नाम दीपक है मैं उत्तर प्रदेश मैं रहता हूं मैं जब इंटर की परीक्षा के बाद कंपटीशन की तैयारी के लिए दिल्ली गए तो वहां मैंने देखा जो माहौल दिल्ली का था वह गांव का नहीं था मुझे वहां का माहौल समझ में नहीं आ रहा था क्योंकि मुझे वहां की हर चीज बिल्कुल अलग ही दिखाई दे रही थी हर चीज में लोगों का बनावटी चेहरा दिखाई दे रहा था जाने किस के पीछे दौड़ रहे थे जीवन में झूठ फरेब धोखा ही दिखाई दे रहा था बनाबटी कपड़े बनाबटी चेहरे और बनाबटी घर सब कुछ बनाबटी ऐसे में मैं कंपटीशन की तैयारी कैसे करता मुझे समझ में नहीं आ रहा था मुझे एक अच्छे मित्र की आवश्यकता थी जो मेरी भावनाओं को मेरी शब्दावली मैं मुझे बता सकता था बड़ी मुश्किल के बाद मुझे एक मित्र मिला जिसका नाम अमित था जिसने मुझे बड़े ही प्यार से विनम्रता से पढ़ाया मैं 3 महीने तक लगातार कंपटीशन की तैयारी करता रहा जब जाकर मुझे कुछ समझ में आया की कंपटीशन की तैयारी क्या होती है क्योंकि मेरा पब्लिक डीलिंग करने का तरीका या मित्रों से बात करने का तरीका मुझे अमित ने बताया उसने बताया की दुनिया में कोई भी काम के लिए जरूरी नहीं की आप होशियार हो लेकिन आपकी जुबान से निकला हुआ शब्द जो भी हो साफ होना चाहिए जिससे सामने वाले पर प्रभाव पड़े जिस से उस व्यक्ति को आपके बारे में एक प्रकार का विचार बनता है उसी विचार से सामने वाला आप पर हावी या आप उस पर हावी होते हैं अगर आपको भाषण देना है तो आपकी वाणी में विनम्रता के साथ साथ थोड़ा सा जोश भी होना चाहिए जैसे की मुझे विद्यालय के एक छात्र को पढ़ने के लिए उत्साहित करना है तो मैं उससे कहूंगा कि बेटा जिंदगी में अगर कुछ भी बनना है तो पढ़ाई करना बहुत जरुरी है पढ़ाई करने से जिंदगी बहुत अच्छी हो जाती है अगर इसी शब्दों को हम विनम्रता से और प्यार से समझाएंगे तो उस विद्यार्थी पर प्रभाव पड़ेगा और वह आपकी बातों पर विचार भी करेगा लेकिन अगर यही बात उसे पूरी कक्षा में सबके सामने और डांटकर कहा जाए तो वह उस पर विचार नहीं करेगा और उसका प्रभाव उल्टा पड़ेगा इसीलिए अगर उस काम को उस विद्यार्थी से कराना है तो हमें सबसे पहले हमें यह माहौल देखना होता है कि विद्यार्थी कैसा है वहां का माहौल कैसा है और वह कहां से आया है या किस परिवेश से आया है बस इसी से आप उसके बारे में पता कर सकते हैं और सबसे महत्वपूर्ण भाग पब्लिक डीलिंग में व्यक्ति के अंदर आत्म विश्वास होना आवश्यक होता है अगर किसी भी व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की कमी है तो वह कभी भी पब्लिक डिलीट नहीं कर सकता जैसे कि नर्वस होना घबराना बोलचाल में अटकना और सामने वाले की आंखों में आंखें डाल कर बातें ना करना अगर हमें पब्लिक डीलिंग करना है तो हमें इन चीजों पर हमेशा ध्यान रखना आवश्यक है अगर हम इन चीजों पर ध्यान रखेंगे तो हम कभी भी किसी भी व्यक्ति या मित्र से किसी भी प्रकार की बात कर सकते हैं उसे समझा सकते हैं और उसके बारे में या उसको अपने बारे में बता सकते हैं कुछ विद्यार्थी जो इंटरव्यू में फेल हो जाते हैं तो उसका सबसे बड़ा कारण यही होता है कि उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी होती है इसी के बारे में मुझे बड़े ही प्यार से अमित ने समझाया और उसने यह बतलाया कि दिल्ली जैसे शहर में आत्मविश्वास से किया हुआ काम ही सफल होता है और पढ़ाई में होशियार होने के साथ-साथ आपको इन चीजों पर भी ध्यान देना आवश्यक होता है जब जाकर आपको किसी भी प्रकार की सर्विस या जॉब मिल सकती है लेकिन अगर आप इस पर विचार नहीं करेंगे तो आप कितनी भी प्रकार की पढ़ाई करने तो आप सफल तो हो सकते हैं लेकिन आप किसी भी चीज पर अपना पूर्ण प्रभुत्व जमा नहीं सकते आप हमेशा कशमकश की लड़ाई लड़ते रहेंगे की है दुनिया किस तरह से चल रही है टीचिंग की जॉब टीचर का काम नहीं कर सकते अधिकारी पद पर होकर अधिकारी का काम नहीं कर सकते नेता नेतागिरी का काम नहीं कर सकते अगर एक सेनानायक अपनी सेना को अगर कमांड नहीं कर सकता तो वह कभी भी सेनानायक नहीं बन सकता इसीलिए पब्लिक डिलीट बहुत ही आवश्यक होती है इस बात को उसने मुझे बहुत ही प्यार से बताया उस दिन के बाद मैं किसी भी मित्र से मिलता तो इन बातों पर बहुत ही विचार करता मैं इन विचारों को आप लोगों के सामने इसलिए बता रहा हूं जिससे कि आप लोगों के अंदर किसी भी प्रकार की या किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल हो जो आप किसी के सामने कहना चाहते हैं तो इन शब्दों को अवश्य ही याद रखना कि हमें कभी भी किसी के सामने डरना नहीं और घबराना नहीं और बोलने में हिचकिचाना नहीं तो उस व्यक्ति पर आपका बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा अगर आप जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं तो जो भी कुछ है उसे बड़े ही विनम्रता से उस व्यक्ति के सामने रखें वह व्यक्ति या तो उस पर विचार करेगा या नहीं करेगा लेकिन आपका बोलचाल अगर ढंग का रहा तो हो नहीं सकता है कि वह आपकी बातों पर विचार ना करें

लेखक पुष्पेंद्र कुमार

सोमवार, 28 नवंबर 2016

आज दुनिया कविता

दुनिया बहुत बदल गई दुनिया को क्या कहना है
दुनिया में जो कुछ भी है बस नाम किसी का लेना है

काम अगर हम ना करें तो नाम किसी का लेना है
और काम अगर कोई करे तो नाम अपना लेना है

दुनिया बहुत बदल गई दुनिया से क्या कहना है
दुनिया में जो कुछ भी है बस नाम किसी का लेना है

जिस काम से आंखे नम करोवो काम अभी हमें करना है
|जिस काम से दुनिया है चलेवह काम अभी नहीं करना है

दुनिया बहुत बदल गई दुनिया से क्या कहना है
दुनिया में जो कुछ भी बस नाम किसी का लेना है

जिस काम में भाव है मिले उसे काम को अभी है करना है
जिस काम में भाव ना मिले वह काम अभी नहीं करना है

दुनिया बहुत बदल गई दुनिया से क्या कहना है
दुनिया में जो कुछ भी है बस नाम किसी का लेना है

धोखा झूठ और फरेब बस इनका बोल बाला है
जो सच्चे मन से काम करें बस उसका मुंह काला है

दुनिया बहुत बदल गई दुनिया से क्या कहना है
दुनिया में जो कुछ भी है बस नाम में किसी का लेना है

झूठ में जितना भी बल हो सच से कम ही होता है
सच कितना भी बल कम हो पर झूठ से अधिक होता है


·                                                                                                स्वर्गीय श्री लखन लाल जी के चरणो में अर्पण उनके पुत्र पुष्पेंद्र कुमार की ओर से

जिंदगी कविता

                                             
       

जिंदगी जीने का मकसद खास होना चाहिए
और अपने आप पर विश्वास होना चाहिए
जीवन मैं दुख की कोई कमी नहीं है
बस जीने का अंदाज़ होना चाहिए।


भीगी जिंदगी की मुस्कान से आंसू नहीं मिलते
सोती हुई जिंदगी से इंसान नहीं मिलते
मर गया हो जमीर जिसका
उससे भगवान नहीं मिलते

उठना नहीं चलना है

किसी और के लिए नहीं
अपनों के लिए ही करना हैं
राहों में शूल है इतने शूल पर ही चलना है
गद पद का संघ है शूल से क्या करना है

जिंदगी दुख तो बहुत देती है

अरे बर्दाश्त करने वाला होना चाहिए
विश्वास से जो जिए जिंदगी को वह ऐसा होना चाहिए
जिंदगी में दुख तो आते हैं जाते हैं

उनका सामना करना चाहिए
विश्वास से जो जिंदगी को जिए वह एहसास होना चाहिए
     

                                                                         लेखक                                                                                                पुष्पेंद्र कुमार

गुरुवार, 24 नवंबर 2016

सोने दो कविता





सोती है जिंदगी तो सोने दो रोती है जिंदगी तो रोने दो
इतिहास के पन्नों पर जिंदगी को ऐसे ही चलने दो
आंखो में लाखों सपने हैं सपने में जिंदगी को चलने दो
कोई और करेगा पूरा इनको इनकी यादों में ही चलने दो
सोती है जिंदगी तो सोने दो रोटी है जिंदगी तो रोने दो

मर गया हो जमीर जिसका अब उसी को तो रोने दो
जो सोता है उसे सोने दो जो होता है उसे होने दो
उठना नहीं कहना मगर करने से हमेशा डरना है
हम नहीं तुम नहीं तुमसे क्या कहना है
सोती है जिंदगी तो सोने दो रोटी है जिंदगी तो रोने दो

आशाओं के चक्कर से बाहर तो आओ ना कुछ काम करना है
मिलकर यह तो बतलाओ ना
कुछ तुम करो कुछ हम करेंगे यह काम हम कोई करना है
सोती है जिंदगी तो सोने दो रोती है
जिंदगी तो रोने दो इसको ही तो हम को बदलना है

पुष्पेंद्र कुमार।
लेखक