सोमवार, 28 नवंबर 2016

जिंदगी कविता

                                             
       

जिंदगी जीने का मकसद खास होना चाहिए
और अपने आप पर विश्वास होना चाहिए
जीवन मैं दुख की कोई कमी नहीं है
बस जीने का अंदाज़ होना चाहिए।


भीगी जिंदगी की मुस्कान से आंसू नहीं मिलते
सोती हुई जिंदगी से इंसान नहीं मिलते
मर गया हो जमीर जिसका
उससे भगवान नहीं मिलते

उठना नहीं चलना है

किसी और के लिए नहीं
अपनों के लिए ही करना हैं
राहों में शूल है इतने शूल पर ही चलना है
गद पद का संघ है शूल से क्या करना है

जिंदगी दुख तो बहुत देती है

अरे बर्दाश्त करने वाला होना चाहिए
विश्वास से जो जिए जिंदगी को वह ऐसा होना चाहिए
जिंदगी में दुख तो आते हैं जाते हैं

उनका सामना करना चाहिए
विश्वास से जो जिंदगी को जिए वह एहसास होना चाहिए
     

                                                                         लेखक                                                                                                पुष्पेंद्र कुमार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें