बुधवार, 8 मार्च 2017

अंबेडकर के नाम मे है दलितों के विकास का सूत्र

भीमराव अंबेडकर के नाम मे है  दलितों के विकास का सूत्र
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भी :- भीख नहीं मांगेगे ।
म:- मेहनत हमेशा करेंगे ।
रा:- राज करेंगे ।
व:- वक्त का सदुपयोग करेंगे ।

अं:- अंधविश्वासो से मुक्त रहेंगे ।
बे:- बेगारी नही करेंगे  ।
ड:- डर कर नहीं रहेंगे ।
क:- कला मे निपुण रहेंगे ।
र:- रहन सहन पर ध्यान देगे और आपस मे भाईचारा बनाये रखेंगे ।
जय भीम🙏जय भारत
अगर सटीक लगे तो सभी दलितों को शेयर करें  

आरक्षण :- क्या दस साल तक की परिसीमा निर्धारित है ?

-जिसको इस बात की जानकारी नहीं है वे अपने विरोधियों को इस के बारे में बताएं।

-जो बार बार कहतें हैं कि आरक्षण 10 साल के लिए था।

-बाबा साहेब तो 10 साल के आरक्षण के लिए दे कर गए थे।

-आप को मुफ्त की खाने की आदत है।

-ऐसे आरोप लगातें हैं तो उन लोगो को बता दो की ये हमारे महापुरुषों की मेहनत का परिणाम है।

जब तक जाति है तब तक आरक्षण है

आरक्षण से जाति नही आयी अपितु जाति से आरक्षण आया है

-जिस दिन मनुवादी ब्राह्मण देश से जाति खत्म कर देंगे हम आरक्षण उसी दिन से छोड़ देंगे।

-परंतु मनुवादी ब्राह्मण ऐसा नही करेगा क्योंकि वर्ण और जाति के कारण ही वह शासक बना हुआ है।

-अगर यह खत्म तो मनुवादी ब्राह्मणवाद ख़त्म हो जायेगा,
सत्ताविहीन हो जायेगा, इसलिए मनुवादी ब्राह्मण को मुँह तोड़ जबाब दो।

आरक्षण चार प्रकार का है

1 :- राजनैतिक आरक्षण
2 :- नौकरियों का आरक्षण
3 :- व्यवसायिक शिक्षा का आरक्षण
4 :-  पदोन्नती में आरक्षण

अनुच्छेद- 330 लोकसभा का आरक्षण है

अनुच्छेद- 332 विधानसभा में आरक्षण है

अनुच्छेद- 334 में राजनैतिक रिजर्वेशन की 10 बर्ष की परिसीमा है।

केवल - राजनैतिक आरक्षण में ही हर दस साल बाद समीक्षा होनी चाहिए।

---मूलभूत अधिकार---
अनुच्छेद- 15-(4)
अनुच्छेद- 16-(4)
---संवैधानिक मूल अधिकार है---
अनुच्छेद - 15
अनुच्छेद - 16
से भारत का राष्ट्रपति ओर भारत का प्रधानमंत्री भी  छेड़छाड़ नही कर सकता।

--व्यसायिक शिक्षा मे आरक्षण
--नौकरियों का आरक्षण
--पदोन्नती में आरक्षण

यह संविधान में मूल अधिकार है जिनकी कोई परिसीमा नही है

 संविधान में 'आरक्षण' यह शब्द कहीं भी नहीं लिखा सिर्फऔर सिर्फ "प्रतिनिधित्व" (Representation)  शब्द का प्रयोग किया गया है।

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