हिन्दुस्तान नाम का कोई देश दुनिया में नहीं है
हिन्दू नाम का कोई धर्म दुनिया में नहीं है
हिन्दु धर्म
ब्राह्मण धर्म का नया नाम है
जो SC/ST/OBC के लोगों को जब वयस्क मताधिकार का अधिकार अंग्रजों नें दिया
तब जाकर 3.5% ब्राह्मणों को लगा कि हम लोग लोकतंत्र में शासक नहीं बन सकते हैं
परन्तु अगर हम ब्राह्मण धर्म
जिसमें वर्ण व्यवस्था है
ब्राह्मण
क्षञिय
वैश्य
शुद्र (OBC) जो 52% है
अति शुद्र (SC/ST) 22.5% है
जिनको हमने गुलाम बना रखा है
कभी भी ब्राह्मण धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण नहीं किया जा सकता है
तो क्या किया जाये
ब्राह्मणों नें ब्राह्मण धर्म का नाम हिन्दू रखा और
समाज में व्यवस्था ब्राह्मण धर्म कि ही रखी
अब SC/ST/OBC के लोगों को
ब्राह्मणों के षडयंत्र का पता ना लगे
ब्राह्मणों दवारा इतिहास में हमारे लोगों पर किये गये अमानवीय अत्याचार का पता ना लगे
इसके लिए मुसलमानों को काल्पनिक दुश्मन बना कर रात दिन हिंदू मुसलमान का मामला खड़ा किया जाता है
इससे क्या होता है
SC/ST/OBC का आदमी मुसलमान के विरोध में प्रतिक्रिया (reaction) करता है
और हिंदू बन जाता है
और अल्पसंख्यक ब्राह्मण बहुसंख्यक हो जाता है
और राज सत्ता पाकर
SC/ST/OBC के विरोध में षडयंत्र करने के लिए
OBC को वर्ण व्यवस्था में छुत शुद्र (touchable गुलाम )बता कर उसको हजारों सालों से पारित सांत्वना पुरस्कार देकर अपने ही DNA रिसर्च से सिद्ध भाई अनुसुचित जाति /जनजाति के विरोध में लडने के लिए तैयार करता है
यह कब हो सकता है
जब इनका नामकरण संविधान के विरोध में जाकर असंवैधानिक शब्द
जिसको कोर्ट नें प्रतिबंध लगाया उस शब्द को इस्तेमाल करके
दलित दलित कहा जाये
इसको कैसे स्थापित किया जाये
इसके लिए
रोज ब्राह्मण बनिया अखबारों में यह दिखाया जाये कि आज दलितो को वहाँ पिटा
आज दलितों को मंदिर में नहीं घुसने दिया
आज वहाँ दलितो को खाना नहीं खाने दिया
आज दलितो को
पानी नहीं पिने दिया गया
आज दलितो को रास्ते पर नहीं जाने दिया गया
आज दलितों को शमशान में शव नहीं जलाने दिया गया
आज दलितों को अलग बिठाया गया
आदमी चाहे डाक्टर /इंजिनियर /IAS/IPS /वकिल/लेखक /हिरो /हिरोईन /क्रिकेटर बन जाये पर रोज इनको दलित डाक्टर
दलित इंजिनियर
दलित लेखक
दलित नेता कहकर
ओबीसी के दिमाग में इनको हिन स्थापित किया जाये
और ओबीसी को ही इस्तेमाल करके इनपर अन्याय अत्याचार किया जाये
इससे दो फायदे हैं
एक तो यह भाई भाई कभी अपने को समान नहीं समझेंगे
और पास पास नहीं बैठेगें तो
क्या होगा
हम ही दोनो को इस्तेमाल करके
राज करते रहेगें
अनुसुचित जाति का आदमी ओबीसी को ही अपना दुश्मन मानता रहेगा और षडयंत्रकारी ब्राह्मण सामने नहीं आयेगा
केवल मनुवादी मनुवादी कहकर चिल्लाता रहेगा
प्रतिक्रिया करता रहेगा
संगठित होने का सोच भी नहीं पायेगा
फिर क्या
52% ओबीसी गुलाम
52% ओबीसी को संविधान के विरोध में जाकर 27% शासन प्रशासन में अधिकार दिया
उसमें भी संविधान के विरोध में जाकर क्रिमी लेयर का षडयंत्र करके पैसे वाले और गरीब ओबीसी को संगठित नहीं होने दिया
इस कारण आज ओबीसी का शासन प्रशासन में आरक्षण को लागू होने के 20 साल बाद भी केवल 5.2% ही दिया
परन्तु हमारे ओबीसी भाई
इनके सांत्वना पुरस्कार
कि हम लोग ब्राह्मणों के साथ बैठ सकते हैं
हमें वह लोग छुते हैं
इस हजारों सालों के सांत्वना पुरस्कार के षडयंत्र कि वजह से हम लोग गुलाम बनें हुए हैं
गुलाम केवल शरीर से बंधे आदमी को नहीं कहा जाता
जिस समाज कि हजारों समस्याएं होती है
वह समाज गुलाम होता है
और गुलाम समाज मालिक के पास जाकर हक अधिकार कि मांग करता है
शासन प्रशासन में 3.5% ब्राह्मणों का 78% पदों पर कब्जा है
न्याय पालिका में 3.5% ब्राह्मण 98% जजों के पदों पर कब्जा है
लोकतंत्र में कोई भी कब्जा जायज नहीं होता है
लोकतंत्र में हर कब्जा नाजायज़ होता है
लोकतंत्र में सबका जनसंख्या के अनुपात में representation(प्रतिनिधित्व )होता है
किसी कि मेरीट कि वजह से
बुद्धिमता कि वजह से नहीं
ऐसा होता तो अंग्रेज ब्राह्मणों से ज्यादा विद्वान थे
तो अंग्रजों को भारत छोडने के लिए आंदोलन करने कि कहाँ जरूरत थी
लोकतंत्र
लोगों के लिए
लोगों के दवारा
लोगों के हित के लिए निर्माण किया जाता है
ना कि किसी जाति विशेष को कब्जा कराने के लिए किया जाता है
आज तक किसी मुसलमान नें ऐसा कोई भी संगठन नहीं बनाया कि वह SC/ST/OBC कि किसी
रोजगार
रोटी
कपड़ा
मकान के अधिकार का विरोध करता हो
उसके धार्मिक हकों का विरोध करता हो
परन्तु
ब्राह्मण राज करने के लिए SC/ST/OBC को हिंदू बनाने के लिए
रोज रोज
गाय
गाय मूञ
भारत पाकिस्तान के मैच
कश्मीर समस्या जो राजनितिक मुद्दा है उसको
धार्मिक बनाकर
आंतकवादी बता कर रातदिन मुसलमानों के विरोध में षडयंत्र करता है
देश का नाम भारत है
जो संविधान के पहले पेज पर लिखा है
बाबा साहब अम्बेडकर यह जानते थे कि मेरे जाने के बाद यह संविधान का हिंदी संस्करण करेगें
उसमें
India शब्द का हिंदी में अनुवाद हिंदूस्तान करेगें
इसलिए बाबा साहब अम्बेडकर नें
संविधान के पहले पेज पर ही अंग्रेजी संस्करण में ही हिंदी अनुवाद लिखा
इंडिया देट इज भारत
और ब्राह्मणों के षडयंत्र कि नसबंदी कर दी
परन्तु ब्राह्मणों नें षडयंत्र जारी रखा
प्रिन्ट मिडिया
इलेक्ट्रॉनिक मिडिया
ट्रेडिशनल मिडिया
वोकल मिडिया
के दवारा रात दिन हिंदुस्तान
हिंदुस्तान कि रट लगाई
भारत के संविधान को दुनिया नें सराहा
ब्राह्मणों नें भी सराहा परन्तु ना कभी उसके लागू किया
ना कभी उसको हमारे लोगों को पाठयक्रम में पढाया गया
यह है षडयंत्र
समझो
और लोगों को जानकार बनाओ
जानकारी हथियार होती है
हिन्दू नाम का कोई धर्म दुनिया में नहीं है
हिन्दु धर्म
ब्राह्मण धर्म का नया नाम है
जो SC/ST/OBC के लोगों को जब वयस्क मताधिकार का अधिकार अंग्रजों नें दिया
तब जाकर 3.5% ब्राह्मणों को लगा कि हम लोग लोकतंत्र में शासक नहीं बन सकते हैं
परन्तु अगर हम ब्राह्मण धर्म
जिसमें वर्ण व्यवस्था है
ब्राह्मण
क्षञिय
वैश्य
शुद्र (OBC) जो 52% है
अति शुद्र (SC/ST) 22.5% है
जिनको हमने गुलाम बना रखा है
कभी भी ब्राह्मण धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण नहीं किया जा सकता है
तो क्या किया जाये
ब्राह्मणों नें ब्राह्मण धर्म का नाम हिन्दू रखा और
समाज में व्यवस्था ब्राह्मण धर्म कि ही रखी
अब SC/ST/OBC के लोगों को
ब्राह्मणों के षडयंत्र का पता ना लगे
ब्राह्मणों दवारा इतिहास में हमारे लोगों पर किये गये अमानवीय अत्याचार का पता ना लगे
इसके लिए मुसलमानों को काल्पनिक दुश्मन बना कर रात दिन हिंदू मुसलमान का मामला खड़ा किया जाता है
इससे क्या होता है
SC/ST/OBC का आदमी मुसलमान के विरोध में प्रतिक्रिया (reaction) करता है
और हिंदू बन जाता है
और अल्पसंख्यक ब्राह्मण बहुसंख्यक हो जाता है
और राज सत्ता पाकर
SC/ST/OBC के विरोध में षडयंत्र करने के लिए
OBC को वर्ण व्यवस्था में छुत शुद्र (touchable गुलाम )बता कर उसको हजारों सालों से पारित सांत्वना पुरस्कार देकर अपने ही DNA रिसर्च से सिद्ध भाई अनुसुचित जाति /जनजाति के विरोध में लडने के लिए तैयार करता है
यह कब हो सकता है
जब इनका नामकरण संविधान के विरोध में जाकर असंवैधानिक शब्द
जिसको कोर्ट नें प्रतिबंध लगाया उस शब्द को इस्तेमाल करके
दलित दलित कहा जाये
इसको कैसे स्थापित किया जाये
इसके लिए
रोज ब्राह्मण बनिया अखबारों में यह दिखाया जाये कि आज दलितो को वहाँ पिटा
आज दलितों को मंदिर में नहीं घुसने दिया
आज वहाँ दलितो को खाना नहीं खाने दिया
आज दलितो को
पानी नहीं पिने दिया गया
आज दलितो को रास्ते पर नहीं जाने दिया गया
आज दलितों को शमशान में शव नहीं जलाने दिया गया
आज दलितों को अलग बिठाया गया
आदमी चाहे डाक्टर /इंजिनियर /IAS/IPS /वकिल/लेखक /हिरो /हिरोईन /क्रिकेटर बन जाये पर रोज इनको दलित डाक्टर
दलित इंजिनियर
दलित लेखक
दलित नेता कहकर
ओबीसी के दिमाग में इनको हिन स्थापित किया जाये
और ओबीसी को ही इस्तेमाल करके इनपर अन्याय अत्याचार किया जाये
इससे दो फायदे हैं
एक तो यह भाई भाई कभी अपने को समान नहीं समझेंगे
और पास पास नहीं बैठेगें तो
क्या होगा
हम ही दोनो को इस्तेमाल करके
राज करते रहेगें
अनुसुचित जाति का आदमी ओबीसी को ही अपना दुश्मन मानता रहेगा और षडयंत्रकारी ब्राह्मण सामने नहीं आयेगा
केवल मनुवादी मनुवादी कहकर चिल्लाता रहेगा
प्रतिक्रिया करता रहेगा
संगठित होने का सोच भी नहीं पायेगा
फिर क्या
52% ओबीसी गुलाम
52% ओबीसी को संविधान के विरोध में जाकर 27% शासन प्रशासन में अधिकार दिया
उसमें भी संविधान के विरोध में जाकर क्रिमी लेयर का षडयंत्र करके पैसे वाले और गरीब ओबीसी को संगठित नहीं होने दिया
इस कारण आज ओबीसी का शासन प्रशासन में आरक्षण को लागू होने के 20 साल बाद भी केवल 5.2% ही दिया
परन्तु हमारे ओबीसी भाई
इनके सांत्वना पुरस्कार
कि हम लोग ब्राह्मणों के साथ बैठ सकते हैं
हमें वह लोग छुते हैं
इस हजारों सालों के सांत्वना पुरस्कार के षडयंत्र कि वजह से हम लोग गुलाम बनें हुए हैं
गुलाम केवल शरीर से बंधे आदमी को नहीं कहा जाता
जिस समाज कि हजारों समस्याएं होती है
वह समाज गुलाम होता है
और गुलाम समाज मालिक के पास जाकर हक अधिकार कि मांग करता है
शासन प्रशासन में 3.5% ब्राह्मणों का 78% पदों पर कब्जा है
न्याय पालिका में 3.5% ब्राह्मण 98% जजों के पदों पर कब्जा है
लोकतंत्र में कोई भी कब्जा जायज नहीं होता है
लोकतंत्र में हर कब्जा नाजायज़ होता है
लोकतंत्र में सबका जनसंख्या के अनुपात में representation(प्रतिनिधित्व )होता है
किसी कि मेरीट कि वजह से
बुद्धिमता कि वजह से नहीं
ऐसा होता तो अंग्रेज ब्राह्मणों से ज्यादा विद्वान थे
तो अंग्रजों को भारत छोडने के लिए आंदोलन करने कि कहाँ जरूरत थी
लोकतंत्र
लोगों के लिए
लोगों के दवारा
लोगों के हित के लिए निर्माण किया जाता है
ना कि किसी जाति विशेष को कब्जा कराने के लिए किया जाता है
आज तक किसी मुसलमान नें ऐसा कोई भी संगठन नहीं बनाया कि वह SC/ST/OBC कि किसी
रोजगार
रोटी
कपड़ा
मकान के अधिकार का विरोध करता हो
उसके धार्मिक हकों का विरोध करता हो
परन्तु
ब्राह्मण राज करने के लिए SC/ST/OBC को हिंदू बनाने के लिए
रोज रोज
गाय
गाय मूञ
भारत पाकिस्तान के मैच
कश्मीर समस्या जो राजनितिक मुद्दा है उसको
धार्मिक बनाकर
आंतकवादी बता कर रातदिन मुसलमानों के विरोध में षडयंत्र करता है
देश का नाम भारत है
जो संविधान के पहले पेज पर लिखा है
बाबा साहब अम्बेडकर यह जानते थे कि मेरे जाने के बाद यह संविधान का हिंदी संस्करण करेगें
उसमें
India शब्द का हिंदी में अनुवाद हिंदूस्तान करेगें
इसलिए बाबा साहब अम्बेडकर नें
संविधान के पहले पेज पर ही अंग्रेजी संस्करण में ही हिंदी अनुवाद लिखा
इंडिया देट इज भारत
और ब्राह्मणों के षडयंत्र कि नसबंदी कर दी
परन्तु ब्राह्मणों नें षडयंत्र जारी रखा
प्रिन्ट मिडिया
इलेक्ट्रॉनिक मिडिया
ट्रेडिशनल मिडिया
वोकल मिडिया
के दवारा रात दिन हिंदुस्तान
हिंदुस्तान कि रट लगाई
भारत के संविधान को दुनिया नें सराहा
ब्राह्मणों नें भी सराहा परन्तु ना कभी उसके लागू किया
ना कभी उसको हमारे लोगों को पाठयक्रम में पढाया गया
यह है षडयंत्र
समझो
और लोगों को जानकार बनाओ
जानकारी हथियार होती है
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