मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

एकता

आज एक नई सीख़ मिली
 जब अँगूर खरीदने बाजार गया ।
पूछा "क्या भाव है?
बोला : "80 रूपये किलो ।"
पास ही कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पडे थे ।
मैंने पूछा: "क्या भाव है" इनका ?"
वो बोला : "30 रूपये किलो"
मैंने पूछा : "इतना कम दाम क्यों..? 
वो बोला : "साहब, हैं तो ये भी बहुत बढीया..!! 
लेकिन ... *अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।
मैं समझ गया कि अपने परिवारसे अलग होने पर हमारी कीमत......आधे से भी कम रह जाती है।
कृपया अपने परिवार एवम् मित्रोसे हमेशा जुड़े रहे 

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