बुधवार, 10 मई 2017

रजनीश ओशो ने बड़ी सटीक


⁠⁠[5:42 AM, 5/11/2017] +91 98185 33286: ⁠⁠⁠रजनीश ओशो ने बड़ी सटीक बात कही है, जिस कौम के बच्चो ने शक

किया वंहा विज्ञान पैदा हुई, जिन कौम के बच्चो ने शक नहीं किया वंहा

अंधविश्वास रहा, ओशो की बात मुझे बड़ी चंगी लगी ! तथागत बुद्ध ने ब्राहमणों की पोंगा पंथी पर शक किया इसलिए लगभग

50 देशो में और लगभग विशव की 25% आबादी को तर्कशील और

वैज्ञानिक धम्म दिया ! महात्मा फुले ने ब्राहमणों झूठे ग्रंथो और मूर्ती पूजा पर शक किया तो शुद्रो

को गुलामगिरी नामक महाग्रंथ लिखा जिसे पढ़ कर बाबा साहेब ने फुले

को साहित्यक गुरू माना और मान्यवर कांसीराम जी ने वैज्ञानिक का पद

छोड़कर बहुजन समाज को हुक्मरान बनाने का बीड़ा उठाया ! बाबा साहेब ने मनुवाद पर शक किया तो एलान के साथ मनुस्मृति को

आग लगाई! तो क्यू लगाई? सर छोटूराम मंडी-फंडी ओर उनकी नियत पर शक किया तो किसानो को

उनकी जमीनो के मालिक बनवा के ही दम लिया| महाराजा सूरजमल ने पेश्वा सदाशिव भाऊ राव की निति पर शक किया

तो अपनी सेना को यूज ऐंड थ्रो होने से बचाते हुऐ अब्दाली को करारी मात

दि ओर पेश्वाओ की फ़र्स्ट ऐड की| अब हम भी शक करे कि:-
1) क्या कोवो को खाना खिलाने से हमारे मृत पूर्वजो को खाना मिल

जाएगा ? 2) आत्मा जिसमे भूख प्यास नहीं, सवेंदना नहीं, कोई वार उस पर असर

नहीं करता, फिर स्वर्ग नरक के डर से भयभीत क्यों, श्राद से फ़ायदा

किसको ? ...(ब्राहमण को) 3) पत्थर की मूर्ती अगर हमारी रक्षा करती, तो सोमनाथ मंदिर लूटने के

लिए वंहा के 2 नंबर के पुजारी ने गजनी को क्यों बुलाया, और अपनी

स्वयं की रक्षा नहीं कर पाया क्यों ? 4) कुंवारी माँ (कुन्ती) को इतना आदर क्यों ?अब बदचलन की उपाधि

क्यों? 5) दशरथ, पांडू जो नपुषक थे, उनकी बीबी के संतान कैसे ? 6) ब्राहमणों का भगवान सर्वज्ञानी था, वैद पुराण आदि रचे लेकिन, वही

सर्वज्ञाता द्रविड़ो की शानदार सिन्धु घाटी सभ्यता के बारे में कुछ नहीं

जान पाया, जिसको 19 शताब्दी के अंत में अंग्रेज ईतिहासकार बनर्जी ने

खोज निकाला क्यों ? 7) विष्णू ने शुद्र महाराजा बली से 3 कदम जगह माँगी और 2.5 कदम में

सारी धरती नाप ली, कैसे?
दोस्तों ब्राहमण की प्रत्येक गप्प पर शक करो और हमारे महापुरुषों द्वारा

प्रशस्त पथ पर भी शक करो ? कसौटी पर कसो ! पर जो सही हो उस पे तो चलो ? दूसरी फ़ैल ब्राहमण B. Tech और IAS, Officer को बेवकूफ बनाता है,

और वह जानते बुझते हुए भी बेवकूफ बनता है, क्योंकि वह दूसरी फ़ैल

ब्राहमण की बात पर शक नहीं करता है, तो बताओ भारत का किसान-

मजदुर हुक्मरान कैसे बनेगा, ओर बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर, सर

छोटूराम, ज्योतिबा फुले, सर फ़ैजले हुस्न, सर सिकंदर हैयात खान,

सरदार भगत सिंह का मिशन कैसे पूरा होगा? कृपया शक करो ! मंजिल वही सोच नई|

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