क्या लिँखू मे.....?
धर्म के बारे मेँ
क्या लिँखू मे....?
समाज के दुश्मन के बारे मेँ
कुछ समझ नहीँ आता!
कोई साथी मार्गदर्शन करेँ!
....:-(
धर्म के नाम पर होते है!
चमत्कार"
धर्म माफ़ करवा देता है!
बलात्कार"
धर्म मे तो नशा भी लगता है!
प्रसाद"
धर्म के नाम पर इन्सान होते है!
बर्बाद"
धर्म के नाम पर पशुऔँ
का मलमुत्र भी है!
स्वीकार"
धर्म के नाम पर इन्सानोँ का होता है!
बहिष्कार"
धर्म के नाम पर पुजे जाते है!
नंगे"
धर्म के नाम पर मौज उड़ाते है!
भिखमगेँ"
दया धर्म अमुल्य है!
लेकिन यही धर्म
इन्सानियत का कत्ल करता है!
धर्म सिखाता है!
आपस मे भेदभाव करना!
धर्म ही सबसे ज्यादा करता है!
जुल्म,नफ़रत का प्रचार" करना!
धर्म के नाम पर कितना अंन-दान होता है!
बर्बाद"
भुखे-नगेँ हजारोँ तड़फते है!
धर्म के इन्सानोँ नहीँ याद"
धर्म के नाम पर पैदल चलते है!
मीलोँ हजार"
किसी अँधे-लगड़े को कोई करता नहीँ है!
सड़क पार"
धर्म के नाम पर खिलाते है!
पत्थरोँ को अनेक भोग"
नहीँ दिलाता कोई उसको
दवा जिसको है!
रौग"
धर्म के नाम पर बाँटते है!
गीत,कुरान और बाईबिल,
नही बाँटते है!
कोई शिक्षा-स्कूल और किताबेँ
जो ज्ञान मिले अनमोल"
धर्म के नाम पर पत्थरोँ से करते है!
प्रेम-प्यार"
नही पुजते है!
माता-पिता को जिन्होने जन्म दे कर दिया है!
उपहार"
धर्म के नाम पर पशु भी बन जाती है!
माता
लेकिन बेटी को कोख
मे ही मार दिया जाता है!
अंशमाता
....???
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