शुक्रवार, 5 मई 2017

बेटी और बाप की कहानी

पिता बेटी के सर पर हाथ रख कर बोला- मैं तेरे लिए ऐसा पति खोज कर लाऊंगा जो तुझे बहुत प्यार करे, तेरी भवनाओं का सम्मान करे, तेरे दुख सुख को समझ सके, तेरी आँखो में आँसू न आने दे, तेरी हर छोटी छोटी ख्वाइशों को पूरा कर सके। बेटी ने पूछा : क्यो पापा? पिता बोला : बेटा हर बाप का सपना होता है की उसकी बेटी को राजकुमार जैसा पति मिले जो उसे बहुत प्यार दे और उसे हमेशा सुखी रखे। बेटी :-तो पापा नाना जी ने भी आपको मम्मी का हाथ यही सोचकर दिया होगा न की आप भी राजकुमार हो। फिर आप मम्मी को हमेशा क्यो रुलाते हो?, कही बाहर भी नही ले जाते और प्यार भी नही करतेऔर हमेशा चिल्लाते रहते होतो क्या आप अच्छे वाले राजकुमार नही निकले? ये सुन पिता को एहसास हुआ की मुझे भी किसी ने राजकुमार समझ कर अपने कलेजे का टुकड़ा दिया और मैं खुद तो राजकुमार बना रहा पर अपनी पत्नी को कभी राजकुमारी नही समझा। आज खुद बाप बंनने के बाद एह्सास हुआ की अपने दिल के टुकड़े को सही हाथ मे नही सौपा तो उसके दिल के टुकड़े हो जायेगे जो कोई भी बाप नही सहेगा। इसलिए जैसा आप अपनी बेटी के लिए सोचते है वैसा ही अपनी पत्नी के लिए सोचिये। आखिर वो भी किसी की बेटी है, किसी का आँख का तारा है। उसे दुख होगा तो उसके पिता को भी दुख होगा। कृप्या कर अपनी घर की औरतों को भी इज़्ज़त और प्यार दिजिए वो भी किसी की बेटी है।

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