रविवार, 30 अप्रैल 2017

मैं रूठा , तुम भी रूठ गए

मैं रूठा ,
      तुम भी रूठ गए
                      फिर मनाएगा कौन ?

आज दरार है ,
           कल खाई होगी 
                           फिर भरेगा कौन ?

मैं चुप ,
     तुम भी चुप 
          इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?

छोटी बात को लगा लोगे दिल से , 
                 तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?

दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर , 
                   सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?

न मैं राजी ,
       न तुम राजी , 
             फिर माफ़ करने का बड़प्पन
                                       दिखाएगा कौन ?

डूब जाएगा यादों में दिल कभी , 
                        तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?

एक अहम् मेरे ,
       एक तेरे भीतर भी , 
               इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?

ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
              फिर इन लम्हों में अकेला
                                     रह जाएगा कौन ?

मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन
           एक ने आँखें....
                तो कल इस बात पर फिर
                                      पछतायेगा कौन ? 

गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

सैनिकों की अपमानित (कविता)

(कश्मीर में जेहादियों द्वारा सैनिकों को थप्पड़-लात मार कर अपमानित करने पर एक सैनिक की सरकार से अपील को बंया करती कविता)
दिल्ली में बैठे शेरों को सत्ता का लकवा मार गया, इस राजनीति के चक्कर में सैनिक का साहस हार गया, मैं हूँ जवान उस भारत का,जो "जय जवान" का पोषक है, जो स्वाभिमान का वाहक है जो दृढ़ता का उद्घोषक है, मैं हूँ जवान उस भारत का, जो शक्ति शौर्य की भाषा है, जो संप्रभुता का रक्षक है,जो संबल की परिभाषा है, उस भारत की ही धरती पर ये फिर कैसी लाचारी है, हम सैनिक कैसे दीन हुए,अब कहाँ गयी खुद्दारी है? "कश्मीर हमारा" कहते हो,पर याचक जैसे दिखते हो, तुम राष्ट्रवाद के थैले में,गठबंधन करके बिकते हो, वर्दी सौंपी,हथियार दिए,पर अधिकारों से रीते हैं, हम सैनिक घुट घुट रहते है,कायर का जीवन जीते हैं, छप्पन इंची वालों ने कुछ ऐसे हमको सम्मान दिए, कागज़ की कश्ती सौंपी है,अंगारो के तूफ़ान दिए, हर हर मोदी घर घर मोदी,यह नारा सिर के पार गया, इक दो कौड़ी का जेहादी,सैनिक को थप्पड़ मार गया, अब वक्ष ठोंकना बंद करो,घाटी में खड़े सवालों पर, ये थप्पड़ नही तमाचा है भारत माता के गालों पर, सच तो ये है दिल्ली वालों,साहस संयम से हार गया, इक पत्थरबाज तुम्हारे सब,कपड़ों को आज उतार गया, इस नौबत को लाने वालों,थोड़ा सा शर्म किये होते, तुम काश्मीर में सैनिक बन,केवल इक दिवस जिए होते, इस राजनीती ने घाटी को,सरदर्द बनाकर छोड़ा है, भारत के वीर जवानों को नामर्द बना कर छोड़ा है, अब और नही लाचार करो,हम जीते जी मर जायेंगे, दर्पण में देख न पाएंगे,निज वर्दी पर शर्मायेंगे, या तो कश्मीर उन्हें दे दो,या आर पार का काम करो, सेना को दो ज़िम्मेदारी,तुम दिल्ली में आराम करो, थप्पड़ खाएं गद्दारों के,हम इतने भी मजबूर नही, हम भारत माँ के सैनिक हैं,कोई बंधुआ मजदूर नहीं, मत छुट्टी दो,मत भत्ता दो,बस काम यही अब करने दो, वेतन आधा कर दो,लेकिन कुत्तों में गोली भरने दो, भारत का आँचल स्वच्छ रहे ,हम दागी भी हो सकते है, दिल्ली गर यूँ ही मौन रही,हम बागी भी हो सकते हैं, * जय हिन्द *

"माँ",(कविता)


लेती नहीं दवाई "माँ",

जोड़े पाई-पाई "माँ"।
दुःख थे पर्वत, राई "माँ",
हारी नहीं लड़ाई "माँ"।

किस दुनियां से आई "माँ"।
इस दुनियां में सब मैले हैं,
जब भी कोई रिश्ता उधड़े,
दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,
गरमागर्म रजाई "माँ" ।

लेकिन बरक़त लाई "माँ"।
करती है तुरपाई "माँ" ।

बाबू जी तनख़ा लाये बस,
नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,
बाबूजी थे सख्त मगर ,
माखन और मलाई "माँ"।
बाबूजी के पाँव दबा कर

सब तीरथ हो आई "माँ"।
घर में चूल्हे मत बाँटो रे,
मां जी, मैया, माई, "माँ" ।

सभी साड़ियाँ छीज गई थीं,
रोती है लेकिन छुप-छुप कर,
मगर नहीं कह पाई "माँ" ।

देती रही दुहाई "माँ"।

साथ-साथ मुरझाई "माँ" ।
बाबूजी बीमार पड़े जब,

बड़े सब्र की जाई "माँ"।
"माँ" से घर, घर लगता है,
लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,
रह गई एक तिहाई "माँ" ।

बेटी रहे ससुराल में खुश,
सब ज़ेवर दे आई "माँ"।
याद हमेशा आई "माँ"।
घर में घुली, समाई "माँ" ।

बेटे की कुर्सी है ऊँची,
दर्द बड़ा हो या छोटा हो,
पर उसकी ऊँचाई "माँ" ।

होती नहीं पराईll मां
घर के शगुन सभी "माँ" से,
है घर की शहनाई "माँ"।

सभी पराये हो जाते हैं,

मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

एकता

आज एक नई सीख़ मिली
 जब अँगूर खरीदने बाजार गया ।
पूछा "क्या भाव है?
बोला : "80 रूपये किलो ।"
पास ही कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पडे थे ।
मैंने पूछा: "क्या भाव है" इनका ?"
वो बोला : "30 रूपये किलो"
मैंने पूछा : "इतना कम दाम क्यों..? 
वो बोला : "साहब, हैं तो ये भी बहुत बढीया..!! 
लेकिन ... *अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।
मैं समझ गया कि अपने परिवारसे अलग होने पर हमारी कीमत......आधे से भी कम रह जाती है।
कृपया अपने परिवार एवम् मित्रोसे हमेशा जुड़े रहे 

माँ तो माँ होती हे

दुध पिलाया जिसने छाती से निचोड़कर
मैं "निकम्मा, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका ।

बुढापे का "सहारा,, हूँ "अहसास" दिला न सका
पेट पर सुलाने वाली को "मखमल, पर सुला न सका ।

वो "भूखी, सो गई "बहू, के "डर, से एकबार मांगकर
मैं "सुकुन,, के "दो, निवाले उसे खिला न सका ।

नजरें उन "बुढी, "आंखों से कभी मिला न सका ।
वो "दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका ।

जो हर "जीवनभर" "ममता, के रंग पहनाती रही मुझे
उसे "दिवाली  पर दो "जोड़ी, कपडे सिला न सका ।

"बिमार बिस्तर से उसे "शिफा, दिला न सका ।
"खर्च के डर से उसे बड़े अस्पताल, ले जा न सका ।

"माँ" के बेटा कहकर "दम,तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ,
"दवाई, इतनी भी "महंगी,, न थी के मैं ला ना सका ।

माँ तो माँ होती हे भाईयों माँ अगर कभी गुस्से मे गाली भी दे तो उसे उसका "दुध" समझकर भूला देना चाहिए|


शव से पूछा ( कविता )

एक कवि नदी के किनारे खड़ा था ! 
तभी वहाँ से एक लड़की का शव 
नदी में तैरता हुआ जा रहा था।
तो तभी कवि ने उस शव से पूछा ----

कौन हो तुम ओ सुकुमारी,
बह रही नदियां के जल में ?

कोई तो होगा तेरा अपना,
मानव निर्मित इस भू-तल मे !

किस घर की तुम बेटी हो,
किस क्यारी की कली हो तुम ?

किसने तुमको छला है बोलो,
क्यों दुनिया छोड़ चली हो तुम ?

किसके नाम की मेंहदी बोलो,
हांथो पर रची है तेरे ?

बोलो किसके नाम की बिंदिया,
मांथे पर लगी है तेरे ?

लगती हो तुम राजकुमारी,
या देव लोक से आई हो ?

उपमा रहित ये रूप तुम्हारा,
ये रूप कहाँ से लायी हो?
..........

दूसरा दृश्य----
कवि की बाते सुनकर
लड़की की आत्मा बोलती है...

कवी राज मुझ को क्षमा करो,
गरीब पिता की बेटी हुँ !

इसलिये मृत मीन की भांती,
जल धारा पर लेटी हुँ !

रूप रंग और सुन्दरता ही,
मेरी पहचान बताते है !

कंगन, चूड़ी, बिंदी, मेंहदी,
सुहागन मुझे बनाते है !

पित के सुख को सुख समझा,
पित के दुख में दुखी थी मैं !

जीवन के इस तन्हा पथ पर,
पति के संग चली थी मैं !

पति को मेने दीपक समझा,
उसकी लौ में जली थी मैं !

माता-पिता का साथ छोड 
उसके रंग में ढली थी मैं !

पर वो निकला सौदागर,
लगा दिया मेरा भी मोल !

दौलत और दहेज़ की खातिर
पिला दिया जल में विष घोल !

दुनिया रुपी इस उपवन में,
छोटी सी एक कली थी मैं !

जिस को माली समझा,
उसी के द्वारा छली थी मैं !

इश्वर से अब न्याय मांगने,
शव शैय्या पर पड़ी हूँ मैं ! 

दहेज़ की लोभी इस संसार मैं,
दहेज़ की भेंट चढ़ी हूँ में !

दहेज़ की भेंट चढ़ी हूँ मैं !!

"परिवार" से बड़ा

          "परिवार" से बड़ा कोई
            "धन" नहीं!
            "पिता" से बड़ा कोई 
            "सलाहकार" नहीं!
            "माँ" की छाव से बड़ी
             कोई "दुनिया" नहीं!
            "भाई" से अच्छा कोई  
            "भागीदार" नहीं!
            "बहन" से बड़ा कोई
            "शुभचिंतक" नहीं!
            "पत्नी" से बड़ा कोई
            "दोस्त" नहीं
                    इसलिए
            "परिवार" के बिना
            "जीवन" नहीं!!!

"ज़िन्दगी" बदलने के लिए

       "ज़िन्दगी" बदलने के लिए
              लड़ना पड़ता है..!_ 
         और आसान करने के लिए
              समझना पड़ता है..!
           वक़्त आपका है,चाहो तो
         सोना बना लो और चाहो तो.    
                सोने में गुज़ार दो..!
        अगर कुछ अलग करना है तो 
              भीड़ से हटकर चलो..!
           भीड़ साहस तो देती है पर
             पहचान छीन लेती है...!
       मंज़िल ना मिले तब तक हिम्मत
          मत हारो और ना ही ठहरो....  
           क्योंकि
    पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने
     आज तक रास्ते में किसी से नहीं पूछा कि... _
           "समन्दर कितना दूर है.

औरत का सफर

                   
     
बाबुल का घर छोड़ कर पिया के घर आती है..
एक लड़की जब शादी कर औरत बन जाती है..
अपनों से नाता तोड़कर किसी गैर को अपनाती है..
अपनी ख्वाहिशों को जलाकर किसी और के सपने सजाती है..
सुबह सवेरे जागकर सबके लिए चाय बनाती है..
नहा धोकर फिर सबके लिए नाश्ता बनाती है..
पति को विदा कर बच्चों का टिफिन सजाती है..
झाडू पोछा निपटा कर कपड़ों पर जुट जाती है..
पता ही नही चलता कब सुबह से दोपहर हो जाती है..
फिर से सबका खाना बनाने किचन में जुट जाती है.. 
सास ससुर को खाना परोस स्कूल से बच्चों को लाती है..
बच्चों संग हंसते हंसते खाना खाती और खिलाती है..
फिर बच्चों को टयूशन छोड़,थैला थाम बाजार जाती है..
घर के अनगिनत काम कुछ देर में निपटाकर आती है..
पता ही नही चलता कब दोपहर से शाम हो जाती है..
सास ससुर की चाय बनाकर फिर से चौके में जुट जाती है..
खाना पीना निपटाकर फिर बर्तनों पर जुट जाती है..
सबको सुलाकर सुबह उठने को फिर से वो सो जाती है..
हैरान हूं दोस्तों ये देखकर सौलह घंटे ड्यूटी बजाती है..
फिर भी एक पैसे की पगार नही पाती है..
ना जाने क्यूं दुनिया उस औरत का मजाक उडाती है..
ना जाने क्यूं दुनिया उस औरत पर चुटकुले बनाती है..
जो पत्नी मां बहन बेटी ना जाने कितने रिश्ते निभाती है..
सबके आंसू पोंछती है लेकिन खुद के आंसू छुपाती है..
नमन है मेरा घर की उस लक्ष्मी को जो घर को स्वर्ग बनाती है.
ड़ोली में बैठकर आती है और अर्थी पर लेटकर जाती है. ......

ना हिन्दू बनो, ना मुसलमान बनो

------ ना मुसलमान खतरे में है ----
------ ना हिन्दू खतरे में है ------
------ धर्म और मजहब से बँटता ------
------ इंसान खतरे में है ------


------ ना राम खतरे में है ------

------ ना रहमान खतरे में है ------
------ सियासत की भेंट चढ़ता ------
------ भाईचारा खतरे में है ------


------ ना कुरान खतरे में है ------

------ ना गीता खतरे में है ------
------ नफरत की दलीलों से ------
------ इन किताबों का ज्ञान खतरे में है ------


------ ना मस्जिद खतरे में है ------

------ ना मंदिर खतरे में है ------
------ सत्ता के लालची हाथों ------
------ इन दीवारों की बुनियाद खतरे में है ------


------ ना ईद खतरे में है ------

------ ना दिवाली खतरे में है ------
------ गैर मुल्कों की नज़र लगी है ------
------ हमारा सद्भाव खतरे में है ------


------ धर्म और मजहब का चश्मा ------

------ उतार कर देखो दोस्तों ------
------ अब तो हमारा ------
------ हिन्दुस्तान खतरे में है ------


------ एक बनो, नेक बनो ------

------ ना हिन्दू बनो, ना मुसलमान बनो ------
------ मेरे दोस्त पहले ढंग से ------
------ एक  सच्चा  इंसान तो बनो ------

मेरी प्यारी बीवी

पत्नी और घड़ी के बीच का संबंध :.
- समानताएं :

1. घड़ी चौबीस घंटे टिक-टिक करती रहती है !! और पत्नी चौबीस घंटे किट-किट करती रहती है !! 

2. घड़ी की सूइयाँ घूम-फिर कर वहीं आ जाती हैं !! उसी प्रकार पत्नी को आप कितना भी समझा लो, वो घूम-
फिर कर वहीं आ जायेगी और अपनी ही बात मनवायेगी !! 

3. घड़ी बिगड़ जाये तो मैकेनिक के यहाँ जाती है !! पत्नी बिगड़ जाये तो मैके जाती है !! 

4. घड़ी को चार्ज करने के लिये सेल (बैटरी) का प्रयोग होता है !! और पत्नी को चार्ज करने के लिये सैलेरी का प्रयोग होता है !! 
- विषमतायें :

1. घड़ी में जब १२ बजते हैं तो तीनों सूइयाँ एक दिखाई देती हैं !! लेकिन पत्नी के जब १२ बजत
े हैं तो एक पत्नी भी ३-३ दिखाई देती है !! 

2. घड़ी के अलार्म बजने का फिक्स टाइम है !! लेकिन पत्नी के अलार्म बजने का कोई फिक्स टाइम नहीं है !! 

3.घड़ी बिगड़ जाये तो रूक जाती है !! लेकिन जब पत्नी बिगड़ जाये तो शुरू हो जाती है !! 

4. सबसे बड़ा अंतर ये कि घड़ी को जब आपका दिल चाहे बदल सकते हैं !! मगर पत्नी को चाह कर भी बदल नहीं सकते



"कह दो समुंदर से मुझे, जरुरत नही उन लहरों की... 
बस एक बीवी ही काफी है, ज़िन्दगी में तूफ़ान लाने के लिए... 😄

" मेरी प्यारी बीवी "..!!!

" सवाल "  कुछ भी हो,
          " जवाब  " तुम  ही हो.
  "  रास्ता " कोई भी हो,
              " मंज़िल " तुम ही हो.
  "  दु:ख " कितना भी हो,
              " खुशी " तुम  ही  हो.
    " अरमान " कितना भी हो,
                " आरज़ू " तुम  ही  हो.
   " गुस्सा " जितना  भी हो,
                        प्यार तुम ही हो .
    " ख्वाब " कोई भी हो,
                 " तकदीर "  तुम ही  हो.
   यानि  ऐसा समझो  कि ,
                 " फसाद "  कुछ भी हो,
       सारे " फसाद " की " जड़ " ,
सिर्फ " तुम " ही  हो

रहे हर पल मंगल



एक बुजुर्ग आदमी के सिर पर 8 बाल थे 

वो नाई की दुकान गया 

नाई ने गुस्से से पूछा 
                          गिनू की काटू? 

बूढ़े ने हँस कर कहा -
                             रंग दो!! 

जीवन आनंद के लिए है चाहे जो हो बस मुस्कुराते रहो !! 

यदि आप चिंतित हो 

तो खुद को थोड़ा आराम दो, 

कुछ 

आइसक्रीम 
चाकलेट 
केक  लो 

क्यों ?? 

क्योंकि 

STRESSED (चिंता)  का उल्टा होता है 
DESSERTS!!!  (मीठा)

अंग्रेजी वर्ण हमें सिखाते हैं... 

A B C

Avoid Boring Company 
मायूस संगत से दूरी 

D E F

Don't Entertain Fools 
मूर्खों पर समय व्यर्थ मत करो 

G H I

Go For High Ideas 
उँचे विचार रखो 

J K L M

Just Keep a friend like Me..
मेरे जैसा मित्र रखो 

N O P

Never Overlook the Poor n Suffering 
गरीब व पीडित को कभी अनदेखा मत करो 

Q R S

Quit Reacting to Silly tales.. 
मूर्खों को प्रतिक्रिया मत दो 

T U V 

Tune Urself for ur Victory 
खुद की जीत सुनिश्चित करो 

W X Y Z 

We Xpect You to Zoom ahead in life 
हम आपसे जीवन मे आगे देखने की आशा करते हैं 

यदि आपने चाँद को देखा तो आपने ईश्वर की सुन्दरता देखी... 
यदि आपने सूर्य को देखा तो आपने ईश्वर का बल देखा 

और 

यदि आपने आइना देखा तो आपने ईश्वर की सबसे सुंदर रचना देखी। 

इसलिए स्वयं पर विश्वास रखो 

जीवन में हमारा उद्देश्य होना चाहिए 
9 8 7 6 5 4 3 2 1 0 

9 - गिलास पानी 
8- घंटे नींद 
7- यात्रायें परिवार के साथ 
6- अंकों की आय 
5- दिन हफ्ते में काम 
4- चका वाहन 
3- बेडरूम वाला फ्लेट 
2- अच्छे बच्चे 
1- दिलबर 
0- चिंता..!!!

– :: हँसना मना है :: –सब्ज़ी

एक   बार   एक   आलू   ने
भिंड़ी  को   फोन   करके  कहा
    I   Love   U..! 

भिंड़ी   को   आया 
बहुत  गुस्सा , 
उसने   आलू   को   बहुत
खरी   खोटी   सुनायी..!!!

बोली 
तुम  इतने  मोटे  और  सस्ते ,
मैं  इतनी  स्लिम  और  सेक्सी!

आलू   का   तो   बस   
दिल   ही   टूट   गया..!!!!    तब   से ,
फिर  आलू  ने  इतनी 
सब्ज़ियाँ   पटाई   की ,

आप   खुद   देख   सकते   हो!


  आलू  ~ गोबी  
  आलू  ~ बेंगन  
  आलू ~ शिमला मिर्ची
  आलू ~ पालक
  आलू  ~ मटर
  आलू ~ गाजर
  आलू ~ छोले
  आलू ~ मेथी,
  आलू ~ टमाटर 

           .....और.....

भिंड़ी   उस   दिन   से 
आज   तक   भी  अकेली  है..!

Moral  ~ जो  ज्यादा Attitude   दिखाता   है ,
     वह   हमेशा   अकेला   ही 
     रह   जाता   हैं...

  – :: हँसना मना है :: –

एक दिन – निम्बु, केला और नारियल तीनों साथ में बैठे अपनी-अपनी कहानी सुना रहे थे!!!!!!…..


1). निम्बु – लोग बड़ी बेरहमी से मुझे बीच में से काटते हैं और पूरी तरह से निचोड़ लेते हैं!!!!!…..


2). केला- ये तो कुछ भी नहीं,
बेशर्म मुझे तो नंगा कर के खा जाते हैं!!!!!!……



3). नारियल – अपनी आपबीती सुनाते हुए, ये तो कुछ भी नहीं भाईयो,
साले कमीने मुझे इतना जोर से पत्थर पर मारते हैं कि, 
मेरी सुसु निकल जाती है और 

उसे भी गिलास में ले के पी जाते हैं!!!!!!,,,,……?????~~

सोमवार, 10 अप्रैल 2017

आरक्षण ने देश को बर्बाद कर दिया"

C/p यदि आप मानते हो की आरक्षण की वजह से ही देश बर्बाद हुआ है, तो फिर यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए ही है....जरूर पढ़ें " लश्कर भी तुम्हारा है , सरदार भी तुम्हारा है। तुम झूठ को सच लिख दो अखबार भी तुम्हारा है। तुम जो कहो वो सच, हम जो कहें वो झूठ मुल्क में नफरत का ऐसा तूफान मचा ड़ाला है।" कुछ बुद्धिमान बोलते है कि आरक्षण ने देश को बर्बाद कर दिया" 1. अब आप बताइये कि देश आजाद होने के बाद 14 व्यक्ति देश के राष्ट्रपति बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने.... 2. 15 प्रधानमन्त्री बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने... 3. 43 उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश बने कितने आरक्षण वाले बने... 4. 19 मुख्य चुनाव आयुक्त बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने... 5. देश के जो बड़े घोटाले हुए उनमे कितने दलित घोटालेबाज हैं, बताएं ज़रा... 6. आप बताइये भारत देश में कितने दलित लोग ऐसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों के व्यवसायी हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं ? 7. अब आप बताइये देश को बर्बाद कौन कर रहा है....अगर सम्भावित ब्लैकमनी वालो की लिस्ट देखें तो कोई आरक्षण वाला नजर नही आता... 8. तो फिर देश को बर्बाद कौन कर रहा है... 9. जितने लोग बेंको का रूपया हज़्म करके बैठे है या भाग गए उनमे कितने आरक्षण वाले है शायद कोई नही तो फिर देश को बर्बाद कौन कर रहा है.... 10. बड़े बड़े ठेकेदार जो सरकारी ठेके लेते है रोड बनाते है सरकारी बिल्डिंग्स बनाते है उनमे कितने आरक्षण वाले है तो जवाब मिलेगा 1 या 2 प्रतिशत 11. तो फिर इस देश को बर्बाद आरक्षण कर रहा है या फिर मेरिट वाले... 12. जब ब्लैक मनी लिस्ट में एक भी नाम रिजर्व कैटेगरी के लोगों का नही, सारे नाम जनरल के हैं । फिर भी कुछ बेवकूफ कहते हैं कि देश को रिजर्वेशन वाले बर्बाद कर रहे हैं....सच में इससे बड़ा जोक कोई और हो ही नही सकता !! 13. बोफोर्स तोप घोटाला , कॉमन वैल्थ घोटाला , आदर्श सोसायटी घोटाला, सत्यम घोटाला, काला धन घोटाला, स्टाम्प घोटाला, यूरिया घोटाला, चारा घोटाला, सुखराम टेलिकॉम घोटाला, शेयर घोटाला, चीनी घोटाला....बहुत लंबी सूची है इन घोटालों की, ये सभी घोटाले क्या आरक्षण प्राप्त लोगों ने किये हैं ? बताएँगे इसमें किसी दलित का नाम ? *कब तक बेवकूफ बनाते रहोगे* और हाँ ! फिर भी हम लोग अपने हुनर और काबलियत से थोडा सा आरक्षण का सहारा पा कर क्या कामयाब होने लगे, आपके पेट में मरोड़े उठने लगे.... " जिनको अपनी थोथी मेरिट पे घमंड है और आरक्षण से परेशानी है वो अपने बच्चों को 5 साल वहाँ पढ़ाए जहाँ ग़रीब बच्चे अभावों में रहकर पढ़ते हैं, फिर देखना सारी मेरिट हवा न हो जाए तो कहना !!!" और यदि कुछ तथाकथित उच्च वर्ग के लोग ये कहते हैं की, वो किसी से भेदभाव नही करते....तो उनसे एक ही सवाल ? क्या वो दलित परिवार से रोटी - बेटी का रिश्ता करने को तैयार हैं, जातियाँ खत्म करने को तैयार है।।अगर नही.... तो फिर मान लीजिये अभी आरक्षण ख़त्म नही होना चाहिए... 🙏निवेदन एवं आग्रह 🙏

प्रकाशन


This what PM, MPs & MLAs are paid

Salary & Govt. Concessions  for a Indian members of the Parliament (MP) are

Monthly Salary ₹50,000

 Constituency Allowance per month ₹45,000

Office expenditure per month ₹45,000

Traveling concession (₹8/km) ₹48,000 (eg. a visit from Kerala to Delhi & return is 6000 km)

Daily DA/TA during parliament meets ₹1000/day

Charge for 1st class (A/C) in train: free all over India (for any number of times)

Charge for Business Class in flights : free for 34 trips per year (with wife or P.A.)

Rent for MP hostel at Delhi free

Electricity costs at home free up to 50,000 units

Local phone call charges free up to 1,50,000 calls.

Total expense for a MP (having no qualification) per year ₹ 35,00,000 (i.e ₹ 2.92) lakh per mth

Total expense for 5 years
₹ 1,75,00,000*

For 543 MPs, the expense for 5 years ₹. 9,50,25,00,000 (Over 950 crores).

And the PM is asking the  other salaried people to cut down their salaries & LPG subsidies.

This is how all our tax money is being swallowed & prices hiked on our regular commodities.  And this is the present condition of our country.

Please fwd this msg. to all citizens of India.

Make at least 2 or more people aware of it!

Refn. for above figures:
www.bemoneyaware.com/blog/pay & perks of Indian MP, MLA & PM
(Also search google)

FORWARD TO ALL

Dear Citizens
Fwd this msg to a min of 20 people on u r contact list & in turn ask each of them to do likewise.

In 3 days, most people in India will have this msg. This is 1 idea that really should be passed around.

यह क्या प्रधान मंत्री, सांसदों और विधायकों का भुगतान किया जाता है

यह क्या प्रधान मंत्री, सांसदों और विधायकों का भुगतान किया जाता है
वेतन और सरकार संसद के एक भारतीय सदस्यों के लिए रियायतें (एमपी) हैं
मासिक वेतन ₹ 50,000

 
निर्वाचन भत्ता प्रति माह 45,000
कार्यालय व्यय प्रति माह ₹ 45,000
यात्रा रियायत (₹ 8 / किमी) ₹ 48,000 (जैसे कि केरल से दिल्ली जाना और वापसी 6000 किलोमीटर है)
संसद के दौरान दैनिक डीए / टीए 1000 / दिन का पूरा हो जाता है
ट्रेन में प्रथम श्रेणी (ए / सी) के लिए शुल्क: भारत भर में मुफ्त (किसी भी समय के लिए)
उड़ानों में बिजनेस क्लास के लिए शुल्क: प्रति वर्ष 34 यात्राओं के लिए मुफ्त (पत्नी या पीए के साथ)
दिल्ली में एमपी हॉस्टल के लिए किराए पर मुफ्त
50,000 इकाइयों तक घर पर बिजली की लागत
1,50,000 कॉल तक नि: शुल्क स्थानीय फोन कॉल शुल्क
प्रति वर्ष एक सांसद (कोई योग्यता नहीं) के लिए कुल व्यय ₹ 35,00,000 (i.e. 2. 9 2 लाख) प्रति माह
5 साल के लिए कुल व्यय₹ 1,75,00,000 *
543 सांसदों के लिए, 5 वर्षों के लिए व्यय ₹ 950,25,00,000 (950 करोड़ से अधिक)
और प्रधानमंत्री अन्य वेतनभोगी लोगों को अपने वेतन और एलपीजी सब्सिडी को कम करने के लिए कह रहे हैं।
इसी तरह हमारे सभी टैक्स का पैसा निगल लिया जा रहा है और हमारे नियमित वस्तुओं पर कीमतों में वृद्धि हुई है। और यह हमारे देश की वर्तमान स्थिति है
कृपया इस संदेश को भेजें भारत के सभी नागरिकों के लिए
कम से कम 2 या अधिक लोगों को इसके बारे में अवगत कराएं!
Refn उपरोक्त आंकड़ों के लिए:भारतीय सांसद, विधायक और प्रधान मंत्री के www.bemoneyaware.com/blog/pay और भत्तों(गूगल भी खोज)
सभी के लिए आगे
प्रिय नागरिकइस संदेश को 20 लोगों की एक न्यूनतम सूची में भेजें और बदले में उनमें से प्रत्येक को ऐसा करने के लिए कहें।
3 दिनों में, भारत के अधिकांश लोगों को यह संदेश दिया जाएगा। यह 1 विचार है जो वास्तव में पास होना चाहिए

रविवार, 9 अप्रैल 2017

हंसी तो फंसी

मेरे  रश्क  ए कमर 
तूने पहली नजर 
जो नजर से मिलाई तो
दरोगा आ गया 

ये चादं सा रोशन चेहरा 
और रोड पे पुलिस का पहरा
कैसे देखू तेरी  आखे
आखो मे योगी का चेहरा 

किस कदर मोहब्बत का 
जुनून इस दिवाने मे है 
कल ही जमानत हुई थी
आज फिर थाने मे है ।

जब जब प्यार पे पहरा हुआ है
प्यार  और भी गहरा हुआ है ।।
थप्पड़ खा कर लड़का बहरा हुआ है 
क्योंकि हर चौराहे पर एटी रोमियो दल ठहरा हुआ है ।।।।

शनिवार, 8 अप्रैल 2017

अनुमान व अनुभव

"अनुमान" गलत हो सकता हे पर
       "अनुभव" कभी गलत नहीं होता
   क्योंकि....
      "अनुमान" हमारे मन की "कल्पना" है
   और "अनुभव" हमारे जीवन की "सीख" है

अच्छा वक़्त उसी का होता हैं...
जो किसी का बुरा नहीं सोचते हैं...
      ।।सुविचार।।

     परेशानी में कोई सलाह मांगे,
        तो सलाह के साथ अपना
          "साथ भी देना"
  क्योंकि सलाह गलत हो सकती है,
            "साथ नहीं"
           
इच्छायें पूरी नही होती है
तो क्रोध बढ़ता है
और इच्छायें पूरी होती है
तो लोभ बढ़ता है
इसलिए जीवन की हर तरह की परिस्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है ।"
      आपका दिन शुभ हो...

खुशी रहने के उपाय


सुखी रहने के उपाय
शांत रहो मनन करो
हंसते रहो हंसाते रहो
कम खाओ गम खाओ
चिंता नहीं चिंतन करो
किसी की बुराई मत करो
सुबह एक घंटा मौन रहे हो
क्षमा मांग लो क्षमा कर दो
न्यूनतम आवश्यकता है रखो
सब को क्रियात्मक सहयोग दो
हमेशा सकारात्मक सोच रखो
सबके प्रति हित का भाव रखो
कमाई का कुछ हिस्सा दान करो
परिस्थितियों से तालमेल बिठाऔ
अधिकार भूलो कर्तव्य याद रखो
सेवा करो बदले मैं कुछ मत चाहो
सुबह एक घंटा खुली हवा में घूमो
धैर्य संयम एवं सहनशीलता अपनाओ
कम धीमे व प्रेम से बोलो ज्यादा सुनो
एक घंटा अच्छा साहित्य पढ़ो या सुनो
सुबह जल्दी उठो रात को जल्दी सोओ
किसी को प्रति ईश्वरीय व द्वेष की भावना मत रखो
किसी पर गुस्सा मत करो अपने ऊपर भी नहीं किसी को दुख मत दो किसी का अपमान मत करो प्रतिदिन सत्य ज्ञान सुनकर राज योग का अध्ययन करो

असली नाम

क्या आप जानते हैं कि हमारे देश व शहरों के असली नाम क्या थे ?

१. हिन्दुस्तान, इंडिया या भारत का असली नाम - आर्यावर्त्त !
२. कानपुर का असली नाम - कान्हापुर !
३. दिल्ली का असली नाम - इन्द्रप्रस्थ !
४. हैदराबाद का असली नाम - भाग्यनगर !
५. इलाहाबाद का असली नाम - प्रयाग !
६. औरंगाबाद का असली नाम - संभाजी नगर !
७. भोपाल का असली नाम - भोजपाल !
८. लखनऊ का असली नाम - लक्ष्मणपुरी !
९. अहमदाबाद का असली नाम -  कर्णावती !
१०. फैजाबाद का असली नाम - अवध !
११. अलीगढ़ का असली नाम - हरिगढ़ !
१२. मिराज का असली नाम - शिव प्रदेश !
१३. मुजफ्फरनगर का असली नाम - लक्ष्मी नगर !
१४. शामली का असली नाम - श्यामली !
१५. रोहतक का असली नाम - रोहितासपुर !
१६. पोरबंदर का असली नाम - सुदामापुरी !
१७. पटना का असली नाम - पाटलीपुत्र !
१८. नांदेड का असली नाम - नंदीग्राम !
१९. आजमगढ का असली नाम - आर्यगढ़ !
२०. अजमेर का असली नाम - अजयमेरु !
२१. उज्जैन का असली नाम - अवंतिका !
२२. जमशेदपुर का असली नाम- काली माटी !
२३. विशाखापट्टनम का असली नाम - विजात्रापश्म !
२४. गुवाहटी का असली नाम - गौहाटी !
२५. सुल्तानगँज का असली नाम - चम्पानगरी !
२६. बुरहानपुर का असली नाम -  ब्रह्मपुर !
२७. इंदौर का असली नाम - इंदुर !
२८. नशरुलागंज का असली नाम - भीरुंदा !
२९. सोनीपत का असली नाम - स्वर्णप्रस्थ !
३०. पानीपत का असली नाम - पर्णप्रस्थ !
३१.बागपत का असली नाम - बागप्रस्थ !
३२. उसामानाबाद का असली नाम - धाराशिव (महाराष्ट्र में) !
३३. देवरिया का असली नाम - देवपुरी ! (उत्तर प्रदेश में)
३४. सुल्तानपुर का असली नाम - कुशभवनपुर
३५. लखीमपुर का असली नाम - लक्ष्मीपुर ! (उत्तर प्रदेश में)

ये सभी नाम मुगलों, अंग्रेजों,  ने बदले हैं ।

गरीब FAMILY

एक गरीब FAMILY थी..!
जिस मे 5 लोग थे..
माँ बाप और 3 बच्चे
बाप हमेशा बीमार रहता था ।
एक दिन वो मर गया ।
3 दिन तक पड़ोसियों ने खाना भेजा ।
बाद में
भूखे रहने के दिन आ गए..।
माँ ने कुछ दिन तक जैसे-तैसे
बच्चों को खाना खिलाया ।
लेकिन कब तक आखिर
फिर से भूखे रहना पड़ा ।
जिस की वजह से 8 साल का
बेटा बीमार हो गया ।
और
बिस्तर पकड़ लिया....।
एक दिन 5 साल की बच्ची ने
माँ के कान में पूछा ।
माँ भाई कब मरेगा....??
माँ ने तड़प कर पूछा
ऐसा क्यों पूछ रही हो.....??
बच्ची ने बड़ी
मासूमियत से जवाब दिया,
जिसे सुन कर आप की
आँखों में आँसु आ जायेंगे...!
बच्ची का जवाब था ।
" माँ भाई मरेगा तो
घर में खाना आएगा ना...!"

भाइयो और बहनो, आपके खाने
में गरीबो का भी हक है ।
गरीबो की मदद करे
जो दुसरो के मोहताज़ है...।
अगर आप हर massege,
Shaayri SHARE करते हो...
थोडा टाइम निकाल कर इस पोस्ट
को भी SHARE कर दीजिये..!
Uper wala,,,
हम सब की मुसीबत टाल दे ।
और जो कोई भी इस
मेसेज को आगे बढ़ा रहा है..।
Uper wala  उसकी हर
परेसानी को दूर कर दे..!!!  
जरूर पढ़े
और ओरो को भी भेजे..!
शादिया शुरू हो गई है...
आपसे हाथ जोड़ विनती है...।
अगर आगे से कभी आपके
घर में पार्टी / समारोह हो..!
और खाना बच जाये
या बेकार जा रहा हो...!
तो बिना झिझके आप 1098
(केवल भारत में) पर फ़ोन करें,
"यह एक मजाक नहीं है - 
यह चाइल्ड helpline है"...!
वे आयेंगे और भोजन
एकत्रित करके ले जायेंगे ।
कृपया इस msg को
ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें..!
इससे उन
बच्चों का पेट भर सकता है l
कृपया...
इस श्रृंखला को तोड़े नहीं..!
"मदद करने वाले हाथ, प्रार्थना
करने वाले हाथो से, अच्छे होते हैं l"
Hero Heroine  की...
Photo फॉरवर्ड करने से,
किसी को गुड लक
मिला या नहीं मालूम नहीं l
पर एक msg
अगर भूखे बच्चे तक...,
.खाना फॉरवर्ड कर सके
तो यह ज्यादा बेहतर है...!

गुरुवार, 6 अप्रैल 2017

बेटी -बधाई


मेहंदी रोली कंगन का सिँगार नही होता'''

रक्षा बँधन भईया दूज का त्योहार नहीं होता''''

रह जाते है वो घर सूने आँगन बन कर''''

जिस घर मे बेटियों का अवतार नहीं होता'''
जन्म देने के लिए माँ चाहिये,
राखी बाँधने के लिए बहन चाहिये,
कहानी सुनाने के लिए दादी चाहिये,
जिद पूरी करने के लिए मौसी चाहिए,
खीर खिलाने के लिए मामी चाहये,
साथ निभाने के लिए पत्नी चाहिये,
पर यह सभी रिश्ते निभाने के लिए

बेटियां तो जिन्दा रहनी चाहये

घर आने पर दौड़ कर जो पास आये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

थक जाने पर प्यार से जो माथा सहलाए,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

"कल दिला देंगे" कहने पर जो मान जाये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

हर रोज़ समय पर दवा की जो याद दिलाये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

घर को मन से फूल सा जो सजाये, उसे कहते हैं बिटिया ।।

सहते हुए भी अपने दुख जो छुपा जाये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

दूर जाने पर जो बहुत रुलाये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

पति की होकर भी पिता को जो ना भूल पाये,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

मीलों दूर होकर भी पास होने का जो एहसास दिलाये,
उसे कहते हैं बिटिया ।।

"अनमोल हीरा" जो कहलाये,
उसे कहते हैं बिटिया  ।।

बुधवार, 5 अप्रैल 2017

शिक्षक और शिष्य

एक छोटे से शहर के प्राथमिक स्कूल में कक्षा 5 की शिक्षिका थीं।
उनकी एक आदत थी कि वह कक्षा शुरू करने से पहले हमेशा "आई लव यू ऑल" बोला करतीं। मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं कहती । वह कक्षा के सभी बच्चों से उतना प्यार नहीं करती थीं।
कक्षा में एक ऐसा बच्चा था जो उनको एक आंख नहीं भाता। उसका नाम राजू था। राजू मैली कुचेली स्थिति में स्कूल आजाया करता है। उसके बाल खराब होते, जूतों के बन्ध खुले, शर्ट के कॉलर पर मेल के निशान। । । व्याख्यान के दौरान भी उसका ध्यान कहीं और होता।
मिस के डाँटने पर वह चौंक कर उन्हें देखता तो लग जाता..मगर उसकी खाली खाली नज़रों से उन्हें साफ पता लगता रहता.कि राजू शारीरिक रूप से कक्षा में उपस्थित होने के बावजूद भी मानसिक रूप से गायब हे.धीरे धीरे मिस को राजू से नफरत सी होने लगी। क्लास में घुसते ही राजू मिस की आलोचना का निशाना बनने लगता। सब बुराई उदाहरण राजू के नाम पर किये जाते. बच्चे उस पर खिलखिला कर हंसते.और मिस उसको अपमानित कर के संतोष प्राप्त करतीं। राजू ने हालांकि किसी बात का कभी कोई जवाब नहीं दिया था।
मिस को वह एक बेजान पत्थर की तरह लगता जिसके अंदर महसूस नाम की कोई चीज नहीं थी। प्रत्येक डांट, व्यंग्य और सजा के जवाब में वह बस अपनी भावनाओं से खाली नज़रों से उन्हें देखा करता और सिर झुका लेता । मिस को अब इससे गंभीर चिढ़ हो चुकी थी। 
पहला सेमेस्टर समाप्त हो गया और रिपोर्ट बनाने का चरण आया तो मिस ने राजू की प्रगति रिपोर्ट में यह सब बुरी बातें लिख मारी । प्रगति रिपोर्ट माता पिता को दिखाने से पहले हेड मिसट्रेस के पास जाया करती थी। उन्होंने जब राजू की रिपोर्ट देखी तो मिस को बुला लिया। "मिस प्रगति रिपोर्ट में कुछ तो प्रगति भी लिखनी चाहिए। आपने तो जो कुछ लिखा है इससे राजू के पिता इससे बिल्कुल निराश हो जाएंगे।" "मैं माफी माँगती हूँ, लेकिन राजू एक बिल्कुल ही अशिष्ट और निकम्मा बच्चा है । मुझे नहीं लगता कि मैं उसकी प्रगति के बारे में कुछ लिख सकती हूँ। "मिस घृणित लहजे में बोलकर वहां से उठ आईं।
हेड मिसट्रेस ने एक अजीब हरकत की। उन्होंने चपरासी के हाथ मिस की डेस्क पर राजू की पिछले वर्षों की प्रगति रिपोर्ट रखवा दी । अगले दिन मिस ने कक्षा में प्रवेश किया तो रिपोर्ट पर नजर पड़ी। पलट कर देखा तो पता लगा कि यह राजू की रिपोर्ट हैं। "पिछली कक्षाओं में भी उसने निश्चय ही यही गुल खिलाए होंगे।" उन्होंने सोचा और कक्षा 3 की रिपोर्ट खोली। रिपोर्ट में टिप्पणी पढ़कर उनकी आश्चर्य की कोई सीमा न रही जब उन्होंने देखा कि रिपोर्ट उसकी तारीफों से भरी पड़ी है। "राजू जैसा बुद्धिमान बच्चा मैंने आज तक नहीं देखा।" "बेहद संवेदनशील बच्चा है और अपने मित्रों और शिक्षक से बेहद लगाव रखता है।" "
अंतिम सेमेस्टर में भी राजू ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। "मिस ने अनिश्चित स्थिति में कक्षा 4 की रिपोर्ट खोली।" राजू ने अपनी मां की बीमारी का बेहद प्रभाव लिया। .उसका ध्यान पढ़ाई से हट रहा है। "" राजू की माँ को अंतिम चरण का कैंसर हुआ है। । घर पर उसका और कोई ध्यान रखनेवाला नहीं है.जिसका गहरा प्रभाव उसकी पढ़ाई पर पड़ा है। ""
राजू की माँ मर चुकी है और इसके साथ ही राजू के जीवन की चमक और रौनक भी। । उसे बचाना होगा...इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। "मिस के दिमाग पर भयानक बोझ हावी हो गया। कांपते हाथों से उन्होंने प्रगति रिपोर्ट बंद की । आंसू उनकी आँखों से एक के बाद एक गिरने लगे.
अगले दिन जब मिस कक्षा में दाख़िल हुईं तो उन्होंने अपनी आदत के अनुसार अपना पारंपरिक वाक्यांश "आई लव यू ऑल" दोहराया। मगर वह जानती थीं कि वह आज भी झूठ बोल रही हैं। क्योंकि इसी क्लास में बैठे एक उलझे बालों वाले बच्चे राजू के लिए जो प्यार वह आज अपने दिल में महसूस कर रही थीं..वह कक्षा में बैठे और किसी भी बच्चे से हो ही नहीं सकता था । व्याख्यान के दौरान उन्होंने रोजाना दिनचर्या की तरह एक सवाल राजू पर दागा और हमेशा की तरह राजू ने सिर झुका लिया। जब कुछ देर तक मिस से कोई डांट फटकार और सहपाठी सहयोगियों से हंसी की आवाज उसके कानों में न पड़ी तो उसने अचंभे में सिर उठाकर उनकी ओर देखा। अप्रत्याशित उनके माथे पर आज बल न थे, वह मुस्कुरा रही थीं। उन्होंने राजू को अपने पास बुलाया और उसे सवाल का जवाब बताकर जबरन दोहराने के लिए कहा। राजू तीन चार बार के आग्रह के बाद अंतत:बोल ही पड़ा। इसके जवाब देते ही मिस ने न सिर्फ खुद खुशान्दाज़ होकर तालियाँ बजाईं बल्कि सभी से भी बजवायी.. फिर तो यह दिनचर्या बन गयी। मिस हर सवाल का जवाब अपने आप बताती और फिर उसकी खूब सराहना तारीफ करतीं। प्रत्येक अच्छा उदाहरण राजू के कारण दिया जाने लगा । धीरे-धीरे पुराना राजू सन्नाटे की कब्र फाड़ कर बाहर आ गया। अब मिस को सवाल के साथ जवाब बताने की जरूरत नहीं पड़ती। वह रोज बिना त्रुटि उत्तर देकर सभी को प्रभावित करता और नये नए सवाल पूछ कर सबको हैरान भी। 
उसके बाल अब कुछ हद तक सुधरे हुए होते, कपड़े भी काफी हद तक साफ होते जिन्हें शायद वह खुद धोने लगा था। देखते ही देखते साल समाप्त हो गया और राजू ने दूसरा स्थान हासिल कर लिया यानी दूसरी क्लास । 
विदाई समारोह में सभी बच्चे मिस के लिये सुंदर उपहार लेकर आए और मिस की टेबल पर ढेर लग गये । इन खूबसूरती से पैक हुए उपहार में एक पुराने अखबार में बद सलीके से पैक हुआ एक उपहार भी पड़ा था। बच्चे उसे देखकर हंस पड़े। किसी को जानने में देर न लगी कि उपहार के नाम पर ये राजू लाया होगा। मिस ने उपहार के इस छोटे से पहाड़ में से लपक कर उसे निकाला। खोलकर देखा तो उसके अंदर एक महिलाओं की इत्र की आधी इस्तेमाल की हुई शीशी और एक हाथ में पहनने वाला एक बड़ा सा कड़ा था जिसके ज्यादातर मोती झड़ चुके थे। मिस ने चुपचाप इस इत्र को खुद पर छिड़का और हाथ में कंगन पहन लिया। बच्चे यह दृश्य देखकर हैरान रह गए। खुद राजू भी। आखिर राजू से रहा न गया और मिस के पास आकर खड़ा हो गया। । 
कुछ देर बाद उसने अटक अटक कर मिस को बताया कि "आज आप में से मेरी माँ जैसी खुशबू आ रही है।"
समय पर लगाकर उड़ने लगा। दिन सप्ताह, सप्ताह महीने और महीने साल में बदलते भला कहां देर लगती है? मगर हर साल के अंत में मिस को राजू से एक पत्र नियमित रूप से प्राप्त होता जिसमें लिखा होता कि "इस साल कई नए टीचर्स से मिला।। मगर आप जैसा कोई नहीं था।" फिर राजू का स्कूल समाप्त हो गया और पत्रों का सिलसिला भी। कई साल आगे गुज़रे और मिस रिटायर हो गईं। एक दिन उन्हें अपनी मेल में राजू का पत्र मिला जिसमें लिखा था:
"इस महीने के अंत में मेरी शादी है और आपके बिना शादी की बात मैं नहीं सोच सकता। एक और बात .. मैं जीवन में बहुत सारे लोगों से मिल चुका हूं।। आप जैसा कोई नहीं है.........डॉक्टर राजू
साथ ही विमान का आने जाने का टिकट भी लिफाफे में मौजूद था। मिस खुद को हरगिज़ न रोक सकती थीं। उन्होंने अपने पति से अनुमति ली और वह दूसरे शहर के लिए रवाना हो गईं। शादी के दिन जब वह शादी की जगह पहुंची तो थोड़ी लेट हो चुकी थीं। उन्हें लगा समारोह समाप्त हो चुका होगा.. मगर यह देखकर उनके आश्चर्य की सीमा न रही कि शहर के बड़े डॉ, बिजनेसमैन और यहां तक कि वहां पर शादी कराने वाले पंडितजी भी थक गये थे. कि आखिर कौन आना बाकी है...मगर राजू समारोह में शादी के मंडप के बजाय गेट की तरफ टकटकी लगाए उनके आने का इंतजार कर रहा था। फिर सबने देखा कि जैसे ही यह पुरानी शिक्षिका ने गेट से प्रवेश किया राजू उनकी ओर लपका और उनका वह हाथ पकड़ा जिसमें उन्होंने अब तक वह सड़ा हुआ सा कंगन पहना हुआ था और उन्हें सीधा मंच पर ले गया। मा इक हाथ में पकड़ कर उसने कुछ यूं बोला "दोस्तों आप सभी हमेशा मुझसे मेरी माँ के बारे में पूछा करते थे और मैं आप सबसे वादा किया करता था कि जल्द ही आप सबको उनसे मिलाउंगा।।।........यह मेरी माँ हैं - ------------------------- "
___
!! प्रिय दोस्तों.... इस सुंदर कहानी को सिर्फ शिक्षक और शिष्य के रिश्ते के कारण ही मत सोचिएगा । अपने आसपास देखें, राजू जैसे कई फूल मुरझा रहे हैं जिन्हें आप का जरा सा ध्यान, प्यार और स्नेह नया जीवन दे सकता है...........

जिदंगी मे अच्छे लोगो

1. जिदंगी मे कभी भी किसी को
      बेकार मत समझना,क्योक़ि
        बंद पडी घडी भी दिन में 
          दो बार सही समय बताती है।

2. किसी की बुराई तलाश करने
     वाले इंसान की मिसाल उस
       मक्खी की तरह है जो सारे
        खूबसूरत जिस्म को छोडकर 
          केवल जख्म पर ही बैठती है।

3. टूट जाता है गरीबी मे
      वो रिश्ता जो खास होता है,
        हजारो यार बनते है 
          जब पैसा पास होता है।

4. मुस्करा कर देखो तो 
      सारा जहाॅ रंगीन है,
       वर्ना भीगी पलको
          से तो आईना भी
             धुधंला नजर आता है।

5..जल्द मिलने वाली चीजे 
      ज्यादा दिन तक नही चलती,
        और जो चीजे ज्यादा 
           दिन तक चलती है
            वो जल्दी नही मिलती।

6. बुरे दिनो का एक 
      अच्छा फायदा 
         अच्छे-अच्छे दोस्त 
            परखे जाते है ।

7. बीमारी खरगोश की तरह 
      आती है और कछुए की तरह
        जाती है;
          जबकि पैसा कछुए की तरह 
             आता है और.खरगोश की
             तरह जाता है ।

8. छोटी छोटी बातो मे 
      आनंद खोजना चाहिए
        क्योकि बङी बङी तो 
          जीवन मे कुछ ही होती है।

9. ईश्वर से कुछ मांगने पर 
      न मिले तो उससे नाराज
       ना होना क्योकि ईश्वर 
           वह नही देता जो आपको 
            अच्छा लगता है बल्कि
            वह देता है जो आपके लिए
                    अच्छा होता है

10. लगातार हो रही 
        असफलताओ से निराश 
           नही होना चाहिए क्योक़ि 
           कभी-कभी गुच्छे की आखिरी
           चाबी भी ताला खोल देती है।

11. ये सोच है हम इसांनो की 
        कि एक अकेला 
          क्या कर सकता है
             पर देख जरा उस सूरज को
           वो अकेला ही तो चमकता है।

12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो 
        उन्हे तोङना मत क्योकि
          पानी चाहे कितना भी गंदा हो
           अगर प्यास नही बुझा सकता
             वो आग तो बुझा सकता है।

13. अब वफा की उम्मीद भी 
        किस से करे भला 
            मिटटी के बने लोग 
               कागजो मे बिक जाते है।

14. इंसान की तरह बोलना 
         न आये तो जानवर की तरह
             मौन रहना अच्छा है।

15. जब हम बोलना 
         नही जानते थे तो 
           हमारे बोले बिना'माँ'
     हमारी बातो को समझ जाती थी।
            और आज हम हर बात पर 
                 कहते है छोङो भी 'माँ'
                  आप नही समझोंगी।

16. शुक्र गुजार हूँ 
        उन तमाम लोगो का 
           जिन्होने बुरे वक्त मे
             मेरा साथ छोङ दिया
                 क्योकि उन्हे भरोसा था
                   कि मै मुसीबतो से
              अकेले ही निपट सकता हूँ।

17. शर्म की अमीरी से
         इज्जत की गरीबी अच्छी है।

18. जिदंगी मे उतार चङाव 
         का आना बहुत जरुरी है 
          क्योकि ECG मे सीधी लाईन 
            का मतलब मौत ही होता है।

19. रिश्ते आजकल रोटी
        की तरह हो गए है
            जरा सी आंच तेज क्या हुई
            जल भुनकर खाक हो जाते।

20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की
        तलाश मत करो 
          खुद अच्छे बन जाओ
            आपसे मिलकर शायद
               किसी की तालाश पूरी हो।