मंगलवार, 9 मई 2017

मोदी जी से हाँथ जोड़कर फौजी भाइयों की विनती है

मोदी जी से हाँथ जोड़कर फौजी भाइयों की विनती है मत छुट्टी दो, मत भत्ता दो, बस काम यही अब करने दो, वेतन आधा कर दो, लेकिन कुत्तों में गोली भरने दो, हर हर मोदी घर घर मोदी, यह नारा सिर के पार गया, इक दो कौड़ी का जेहादी, सैनिक को थप्पड़ मार गया, थप्पड़ खाएं गद्दारों के, हम इतने भी मजबूर नही, हम भारत माँ के सैनिक हैं कोई बंधुआ मजदूर नहीं, अब और नही लाचार करो, हम जीते जी मर जायेंगे, दर्पण में देख न पाएंगे, निज वर्दी पर शर्मायेंगे, या तो कश्मीर उन्हें दे दो, या आर पार का काम करो, सेना को दो ज़िम्मेदारी, तुम दिल्ली में आराम करो, इस राजनीती ने घाटी को सरदर्द बनाकर छोड़ा है, भारत के वीर जवानों को नामर्द बना कर छोड़ा है, भारत का आँचल स्वच्छ रहे, हम दागी भी हो सकते है, दिल्ली गर यूँ ही मौन रही, हम बागी भी हो सकते हैं, ✍🏻🐣 (एक माँ कश्मीर मे पिटने वाले फौजी बेटे से) फोन किया माँ ने बेटे को तूने नाक कटाई है, तेरी बहना से सब कहते बुजदिल तेरा भाई है! ऐसी भी क्या मजबुरी थी ऐसी क्या लाचारी थी, कुछ कुत्तो की टोली कैसे तुम शेरो पर भारी थी! वीर शिवा के वंशज थे तुम चाट क्यु ऐसे धुल गए, हाथो मे हथियार तो थे क्यु उन्हें चलाना भूल गये! गीदड़ बेटा पैदा कर के मैने कोख लजाई है, तेरी बहना से सब कहते बुजदिल तेरा भाई है!! (लाचार फौजी अपनी माँ से) इतना भी कमजोर नही था माँ मेरी मजबुरी थी, उपर से फरमान यही था चुप्पी बहुत जरूरी थी! सरकारे ही पिटवाती है हम को इन गद्दारो से, गोली का आदेश नही है दिल्ली के दरबारो से! गिन-गिनकर मैं बदले लूँगा कसम ये मैंने खाई है, तू गुड़िया से कह देना ना बुजदिल तेरा भाई है!!

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