जब कर्मचारियों,अधिकारियों एवं शिक्षकों को पचास वर्ष की उम्र में निकाले जाने पर सरकार द्वारा विचार किया जा सकता हैं तो क्यों नहीं निम्नलिखित विचार जनहित में किया जाय ।
1-नेताओं को भी पचास साल की उम्र में रिटायर कर दिया जाय ?
2-क्यों नहीं नेताओं को भी पुरानी पेंशन से वंचित किया जाय ?
3-क्यों नहीं नेताओं को विधानसभा सदस्य बनने के लिए स्नातक व लोकसभा सदस्य बनने के लिए परास्नातक होना अनिवार्य किया जाय ?
4- क्यों नहीं कानून मंत्री बनने के लिए LAW की डिग्री अनिवार्य हो,स्वास्थ्य मंत्री बनने के MBBS की डिग्री अनिवार्य हो,समाज कल्याण के लिए समाजशास्त्र की डिग्री अनिवार्य हो,मानव संसाधन के लिए M.ED की डिग्री अनिवार्य हो,वित्त मंत्री के अर्थशास्त्री होना अनिवार्य हो इसी प्रकार सभी मंत्रीयों की योग्यता का मानक निर्धारित किया जाय ।
5- क्यों नहीं फ्री का डीजल,पेट्रोल,फोन की सुविधा,हवाई सुविधा,रेल सुविधा सहित तमाम सुविधाओं में जिसमें प्रतिवर्ष अरबों रूपये खर्च होता हैं उसमें कटौती की जाय ।
6-क्यों नहीं सभी नेताओं के खाते सार्वजनिक किये जाय ।
7-क्यों नहीं नेताओं की पुरानी पेंशन,मोटी तनख्वाह,सब्सिडी द्वारा भोजन बंद किया जाय जिसपर सरकार प्रतिवर्ष अरबों रूपये पानी की तरह खर्च करती हैं ।
8-क्यों नहीं नेताओं के पद से हटने के बाद फ्री मेडिकल सुविधा बंद किया जाय जिस पर देश का करोड़ों रूपये नुकसान होता हैं ।
9-क्या 50 साल का कर्मचारी बूढ़ा और 50 साल का नेता जवान होता हैं ?यह कौन सा मानक हैं ?नेताओं के पास क्या राहु व केतु वाला अमृत कलश हैं क्या ?जिससें यह पचास की उम्र में युवा नेता हो जाते हैं ?
देश को कितना गर्त में आप नेताजी लोग ले जायेंगे?जब स्वयं का तनख्वाह लाखों में करते हैं तो सभी पार्टियों के कोई भी नेता विरोध नहीं करता सभी मिलकर मेज थपथपा देते हैं ।क्या देश पर आप की तनख्वाह की बेतहाशा वृद्धि से अरबों रूपये का भार नहीं पडता ?गजब की सोच हैं आप नेताओं की जब कर्मचारियों,अधिकारियों,शिक्षकों को पचास वर्ष में हटाने पर विचार किया जा सकता तो यह उपरोक्त चीजें क्यों नहीं किया जा सकता हैं ।
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