महाभारत"कहती है - शूद्र राजा
नहीं बन सकता।
"गीता" कहती है - शूद्र को
ब्राह्मण क्षत्रिय और वैश्यों की
गुलामी करनी चाहिए
"रामायण" कहती है - शूद्र को ज्ञान प्राप्त
करने पर मृत्युदंड मिलना चाहिए ।
"वेद" कहते है कि शूद्र ब्रह्मा के पैरोँ से पैदा हुआ है
इसिलिये वो नीच है ।
"मनुस्मृति" के अनुसार - शूद्र का कमाया धन ब्राह्मण को
बलात् छीन लेना चाहिए ।
"वेद" कहते है - शूद्र का स्थान ऊपर के
तीनों वर्णों के चरणों में है ।
"पुराण" कहते हैं - शूद्र केवल गुलामी के
लिए जन्म लेते हैं ।
"रामचरित मानस" कहती है - शूद्र को
पीटना धर्म है ।
फिर भी एक सहनशील "शूद्र"
अब भी इन हिंसक धर्म ग्रंथो को
सीने से लगाए फिरता है !
यकीन मानिये, यही
आपकी गुलामी का कारण हैं ।
- डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर
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